जयपुर. राज्यसभा में कांग्रेस के तीनों बाहरी प्रत्याशी उतारे जाने पर नाराज विधायकों को भाजपा अपने (Exclusive interview of Rajendra Rathod) पक्ष में करने की जोड़-तोड़ में जुट गई है. वहीं उन विधायकों से भी संपर्क साधा जा रहा है जो पूर्व में बीजेपी के साथ रह चुके हैं. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने इसके संकेत दिए हैं. उनके अनुसार जब युद्ध लड़ा जा रहा है तो दुश्मन से दूर रहने वाले सभी व्यक्तियों से हम संपर्क कर रहे हैं.
राज्यसभा चुनाव में दूसरे प्रत्याशी के लिए विधायकों की जोड़-तोड़ और समर्थन की जिम्मेदारी प्रमुख रूप से राजेन्द्र राठौड़ के कंधों पर ही दी गई है. ऐसे में ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत करते हुए जाना कि पार्टी किस रणनीति पर काम कर रही है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने साफ तौर पर विधायक और मंत्रियों की तरफ इशारा किया जिनकी नाराजगी पिछले दिनों अपनी ही सरकार और पार्टी को लेकर फूट चुकी थी.
फिर चाहे विधायक गणेश घोघरा हों या खेल मंत्री अशोक चांदना और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा. राठौड़ हाल ही में आए संयम लोढ़ा के ट्वीट को लेकर भी बोले कि मुख्यमंत्री के नवरत्न सलाहकार संयम लोढ़ा का संयम भी अब टूटने लगा है. लेकिन यह केवल उनकी ही वेदना नहीं, बल्कि कांग्रेस के कई विधायकों की वेदना है. जिसका लावा कभी भी फूट सकता है. राठौड़ ने कहा कि इसका लावा फूटेगा तो समय ही बताएगा वो किधर जाएगा.
राजनीति संभावनाओं का खेल, प्रतिपक्ष का दायित्व निभाएंगेः राजेंद्र राठौड़ ने कहा की राजनीति हमेशा से संभावनाओं का खेल रहा है. इस चुनाव में भाजपा के पास 30 वोट सर प्लस हैं और हम 11 अतिरिक्त वोट हासिल कर अपना दूसरा प्रत्याशी जीता सकते हैं. दूसरे प्रत्याशी का ऐलान भी जल्दी किया जाएगा और मंगलवार को नामांकन भी होगा. राठौड़ ने कहा जब मुख्यमंत्री के सलाहकार जो विधानसभा में सरकार की ढाल के रूप में काम करते हैं, उन्हीं संयम लोढ़ा को बाहरी प्रत्याशियों से दर्द है.
फिर अन्य कई विधायकों को भी इससे परेशानी होगी ही. राठौड़ ने कहा राजस्थान में सत्ता की जहाज में कई छेद हो चुके हैं और जहाज जब डूबता है तो समझदार उससे किनारा करने लगते हैं. राठौड़ ने यह भी कहा जब आंधी चलेगी तो पेड़ पर लटके कितने फल गिरेंगे उसकी कोई गिनती नहीं होगी. इसलिए समय और समय की धार देखते रहें कि क्या होता है.