झालावाड़ : जिले के सभी उपखंड डिस्कॉम कार्यालयों पर सोमवार को कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर कार्य का बहिष्कार किया. इसके बाद उन्होंने ऊर्जा सचिव के नाम सहायक अभियंता को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में विद्युत क्षेत्र के उत्पादन, प्रसारण, वितरण निगम में हो रहे अंधाधुंध निजीकरण को रोकने और ओपीएस स्कीम में सीपीएफ कटौती बंद करने की मांग की गई. कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
उग्र आंदोलन की चेतावनी : डिस्कॉम के एसई विशंभर सहाय ने बताया कि उपखंड स्तर पर डिस्कॉम कर्मचारियों ने ऊर्जा सचिव को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें निजीकरण को रोकने की मांग की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी मांगें रखने का अधिकार है. कर्मचारियों ने केवल सांकेतिक बहिष्कार किया है, जिससे डिस्कॉम कार्यालयों के कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. वहीं, ओपीएस को लेकर सरकार कर्मचारियों की मांगों पर विचार कर रही है. इधर, विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष गिरीश अग्रवाल ने कहा कि यदि विद्युत क्षेत्र में निजीकरण रोकने की मांग नहीं मानी गई तो उग्र आंदोलन होगा. उन्होंने यह भी घोषणा की कि आगामी 29 नवंबर को जिलेभर के डिस्कॉम कर्मचारी रैली निकालकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे और धरना-प्रदर्शन करेंगे.
बता दें कि एक दिन पहले ही प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने झालावाड़ जिले का दौरा किया था. इस दौरान डिस्कॉम और थर्मल कर्मचारियों ने निजीकरण और ज्वाइंट वेंचर को लेकर प्रदेश सरकार की नीतियों का विरोध किया था. मंत्री की समझाइश के बावजूद, सोमवार को विद्युत कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर कार्य का बहिष्कार किया.
निजीकरण पर रोक लगाने की मांग को लेकर राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर डीडवाना जिला मुख्यालय पर भी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा उपखण्ड अधिकारी को अपनी मांगों का एक ज्ञापन दिया गया. संयुक्त संघर्ष समिति के गोविंद सिंह राठौड़ अध्यक्ष ने बताया कि संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले डीडवाना के अधीक्षण अभियंता कार्यालय के बाहर भी डिस्कॉम के कर्मचारियों द्वारा नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया गया और अभियंता राम रतन स्वामी को अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा गया.
राजसमंद में भी निजीकरण के विरोध में विधुत कर्मचारियों ने राजस्थान विधुत संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री व ऊर्जा सचिव के नाम का उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. इंटक के जिला महामंत्री भरत यादव ने बताया कि विद्युत के क्षेत्र में भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर किए जा रहे अंधाधुंध निजीकरण पर रोक लगाने के लिए व पुरानी पेंशन योजना लागू करवाने के लिए राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में ज्ञापन दिया गया है व कार्य बहिष्कार कर विरोध दर्ज करवाया गया है.