जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने 20वीं पशुगणना में गधों की संख्या में आई कमी के आंकड़ों रखते हुए यह कह डाला कि जहां कांग्रेस सिकुड़ती गई उन राज्यों में आश्चर्यजनक रूप से गधे भी कम होते चले (Rathore targets congress using animal census) गए. राठौड़ ने कहा कि इससे यह सिद्ध हो रहा है कि गधों और कांग्रेस का कोई मेलजोल और गठजोड़ है. राठौड़ सदन में राजस्थान विनियोग संख्या 2 और वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे.
दोनों विधेयकों पर चर्चा के दौरान राठौड़ ने कहा कि आश्चर्य है कि राजस्थान में ऊंट और गधों की संख्या में कमी आई है. साल 2012 में राजस्थान में 81,468 गधे थे, जो 2019 में 23,374 रहे गए. मतलब 71 प्रतिशत की कमी हुई है. यही स्थिति ऊंटों में भी रही और राजस्थान में इनकी संख्या 34 प्रतिशत कम हो गई.
राठौड़ ने कहा कि देश में गधों की संख्या कहां कम हुई, ये देखा तो आश्चर्य हुआ कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में मतलब जिन राज्यों में चुनाव हुए इन राज्यों में से 90 सीटों में से महज 55 सीट ही कांग्रेस के पास आई. राठौड़ ने कहा मैं जिम्मेदारी से कह सकता हूं कि जहां आप सिकुड़ते चले गए, उन राज्यों में गधे भी कम होते गए.
राठौड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में साल 2012 में 57,000 गधे थे, जो अब घटकर 16000 रह गए. वहीं, पंजाब में 2000 गधे थे, जो अब 471 ही रह गए. इस बीच सभापति जेपी चंदेलिया ने राठौड़ को टोका और कहा कि इन शब्दों का उपयोग ना करें. तब राठौड़ ने कहा ऐसा कदाचित नहीं है. इस बीच राठौड़ की बात पर पलटवार करते हुए शिक्षा मंत्री ने संस्कृत श्लोक पढ़ा.
मोदी जी तो करते हैं पसंद, आप क्यों कर रहे खिलाफत : राठौड़ जब सदन में व्यंगात्मक तरीके से कांग्रेस पर गधों के आंकड़ों को लेकर कटाक्ष कर रहे थे. तब सदन में मौजूद कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि आपको नहीं पता देश में सर्वाधिक गधे गुजरात में हैं. वहां तो मोदी जी गधों को पसंद भी करते हैं, लेकिन आप खिलाफत क्यों कर रहे हैं. तब राठौड़ ने कहा कि मुझे चिंता है कि पहले गधों के सींग गायब होते थे, लेकिन यहां तो गधे ही गायब हो रहे हैं. 2 साल बाद जब चुनाव होगा तब यहां क्या होगा.
सदन में गहलोत और अधिकारियों की गैर-मौजूदगी पर भड़की भाजपा: राजस्थान विनियोग संख्या 2 और वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूद नहीं थे, तो राठौड़ ने इस पर नाराजगी जताई और यह भी कह दिया कि मुख्यमंत्री जी आएंगे और कॉपी पेस्ट किया हुआ भाषण पड़ेंगे. लेकिन मुख्यमंत्री ने इस सदन में सबसे कम बैठने का रिकॉर्ड बना डाला है.
वहीं, राठौड़ और गुलाबचंद कटारिया ने इतने महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में मुख्य सचिव सहित अन्य बड़े अधिकारियों के नहीं बैठने पर भी नाराजगी जताई. हालांकि, बचाव में उतरे शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि आज शून्यकाल समय से पहले खत्म हो गया. ऐसे में बस रास्ते में ही हैं, आ रहे हैं.
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बजट पारित होने से पहले राठौड़ ने गिनाई खामियां : राठौड़ ने इन विधेयकों पर बोलते हुए कहा कि आज देश में सर्वाधिक महंगी बिजली राजस्थान में उपभोक्ताओं को दी जा रही है. वहीं, तेलंगाना के बाद सर्वाधिक वैट भी राजस्थान में ही लग रहा है. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान आर्थिक आपातकाल की ओर बढ़ रहा है. मौजूदा सरकार की वित्तीय कुप्रबंधन के चलते ऐसा हो रहा है.