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लेटर पॉलिटिक्सः पूनिया के बाद राजेंद्र राठौड़ ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रखी ये मांग - Rajasthan News

बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण के फैलाव की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए उचित मूल्यों की दुकानों में बायोमेट्रिक सत्यापन के स्थान पर ओटीपी सिस्टम लागू करने की मांग की है.

राजेंद्र राठौड़, Rajasthan Politics
राजेंद्र राठौड़
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Published : May 20, 2021, 10:42 PM IST

जयपुर. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण के फैलाव की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए उचित मूल्यों की दुकानों में बायोमेट्रिक सत्यापन के स्थान पर ओटीपी सिस्टम लागू करने की मांग की है. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दिन-प्रतिदिन भयावह होते हालात में उचित मूल्य की दुकानों से राशन लेने वाले आम उपभोक्ताओं को बायोमेट्रिक सत्यापन की अनिवार्यता से कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है.

राजेंद्र राठौड़, Rajasthan Politics
राजेंद्र राठौड़ ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रखी ये मांग

राठौड़ ने कहा कि राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से बायोमेट्रिक मशीन के द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत चयनित परिवारों को गेहूं, चावल, चीनी एवं केरोसीन तेल वितरित किये जाने की व्यवस्था है, जिसमें उक्त सभी वस्तुएं सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा व मूल्य में राशन कार्ड के द्वारा वितरित की जाती हैं.

राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में कोरोना संक्रमित केसों की संख्या 8 लाख 89 हजार से ज्यादा, मृतकों की संख्या 7 हजार 200 से अधिक और एक्टिव केसों की संख्या 1 लाख 53 हजार से ज्यादा है. प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने कुछ अनुमत श्रेणी की छूटों के साथ राज्य में महामारी रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा लॉकडाउन लगा रखा है, जिसमें अनुमत श्रेणी के तहत राशन की दुकानें भी खुली हैं जहां बायोमेट्रिक सत्यापन की अनिवार्यता होने से राशन प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं में कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है.

राठौड़ ने कहा कि राज्य में लगभग 40 लाख राशन कार्डधारी परिवार हैं जाे हर माह राशन उठाते हैं और प्रत्येक राशन कार्ड में परिवार के एक व्यक्ति को पॉस (POS) मशीन में बॉयोमेट्रिक पहचान के लिए अंगूठा लगाना पड़ता है. राज्य में लगभग 26 हजार उचित मूल्य की दुकानें में से करीब 6 हजार शहरी क्षेत्र में और 20 हजार ग्रामीण क्षेत्रों में हैं जहां पॉस (POS) मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद ही राशन वितरित करने की अनिवार्यता से कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका है.

यह भी पढ़ेंः कोरोना काल में लेटर पॉलिटिक्स हावी, पूनिया ने सीएम गहलोत को पत्र लिखकर रखी ये मांग

राठौड़ ने कहा कि वर्तमान में बॉयोमेट्रिक पहचान के लिए पॉस (POS) मशीन में अंगूठा लगाने से उपभोक्ताओं व राशन डीलर दोनों के संक्रमित होने की आशंका सबसे ज्यादा बनी हुई हैं, क्योंकि यदि किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने पॉस (POS) मशीन में अंगूठे लगा दिया तो अन्य लोगों में अंगूठा लगाने से उनके कोरोना संक्रमित होने की प्रबल आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है.

राठौड़ ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान पॉस (POS) मशीन से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के बाद बचाव के लिए खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग ने प्रदेश में राशन वितरण के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन के स्थान पर ओटीपी सिस्टम की व्यवस्था लागू की थी जिसे करीब 2-3 माह बाद ही बंद कर पुनः बायोमेट्रिक सत्यापन से ही राशन वितरण की व्यवस्था चालू कर दी गई.

राठौड़ ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण वायरस का कहर जब तक थम नहीं जाता तब तक प्रदेश में उचित मूल्यों की दुकानों से राशन वितरण की व्यवस्था बायोमेट्रिक सत्यापन के स्थान पर तुरंत प्रभाव से पूर्व की भांति ओटीपी सिस्टम को प्रारंभ किया जावें ताकि राशन प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं के कोरोना संक्रमित होने का खतरा नहीं हो.

जयपुर. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण के फैलाव की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए उचित मूल्यों की दुकानों में बायोमेट्रिक सत्यापन के स्थान पर ओटीपी सिस्टम लागू करने की मांग की है. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दिन-प्रतिदिन भयावह होते हालात में उचित मूल्य की दुकानों से राशन लेने वाले आम उपभोक्ताओं को बायोमेट्रिक सत्यापन की अनिवार्यता से कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है.

राजेंद्र राठौड़, Rajasthan Politics
राजेंद्र राठौड़ ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रखी ये मांग

राठौड़ ने कहा कि राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से बायोमेट्रिक मशीन के द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत चयनित परिवारों को गेहूं, चावल, चीनी एवं केरोसीन तेल वितरित किये जाने की व्यवस्था है, जिसमें उक्त सभी वस्तुएं सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा व मूल्य में राशन कार्ड के द्वारा वितरित की जाती हैं.

राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में कोरोना संक्रमित केसों की संख्या 8 लाख 89 हजार से ज्यादा, मृतकों की संख्या 7 हजार 200 से अधिक और एक्टिव केसों की संख्या 1 लाख 53 हजार से ज्यादा है. प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने कुछ अनुमत श्रेणी की छूटों के साथ राज्य में महामारी रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा लॉकडाउन लगा रखा है, जिसमें अनुमत श्रेणी के तहत राशन की दुकानें भी खुली हैं जहां बायोमेट्रिक सत्यापन की अनिवार्यता होने से राशन प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं में कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है.

राठौड़ ने कहा कि राज्य में लगभग 40 लाख राशन कार्डधारी परिवार हैं जाे हर माह राशन उठाते हैं और प्रत्येक राशन कार्ड में परिवार के एक व्यक्ति को पॉस (POS) मशीन में बॉयोमेट्रिक पहचान के लिए अंगूठा लगाना पड़ता है. राज्य में लगभग 26 हजार उचित मूल्य की दुकानें में से करीब 6 हजार शहरी क्षेत्र में और 20 हजार ग्रामीण क्षेत्रों में हैं जहां पॉस (POS) मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद ही राशन वितरित करने की अनिवार्यता से कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका है.

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राठौड़ ने कहा कि वर्तमान में बॉयोमेट्रिक पहचान के लिए पॉस (POS) मशीन में अंगूठा लगाने से उपभोक्ताओं व राशन डीलर दोनों के संक्रमित होने की आशंका सबसे ज्यादा बनी हुई हैं, क्योंकि यदि किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने पॉस (POS) मशीन में अंगूठे लगा दिया तो अन्य लोगों में अंगूठा लगाने से उनके कोरोना संक्रमित होने की प्रबल आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है.

राठौड़ ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान पॉस (POS) मशीन से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के बाद बचाव के लिए खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग ने प्रदेश में राशन वितरण के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन के स्थान पर ओटीपी सिस्टम की व्यवस्था लागू की थी जिसे करीब 2-3 माह बाद ही बंद कर पुनः बायोमेट्रिक सत्यापन से ही राशन वितरण की व्यवस्था चालू कर दी गई.

राठौड़ ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण वायरस का कहर जब तक थम नहीं जाता तब तक प्रदेश में उचित मूल्यों की दुकानों से राशन वितरण की व्यवस्था बायोमेट्रिक सत्यापन के स्थान पर तुरंत प्रभाव से पूर्व की भांति ओटीपी सिस्टम को प्रारंभ किया जावें ताकि राशन प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं के कोरोना संक्रमित होने का खतरा नहीं हो.

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