जयपुर. प्रदेश में चल रही सियासी घमासान के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे द्वारा सोशल मीडिया पर राज्यपाल कलराज मिश्र को लेकर की गई टिप्पणी को भाजपा नेता प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा यह दुर्भाग्य है कि राजनीति में इतनी गिरावट आ गई कि अब संविधानिक पदों पर बैठे राज्यपाल जैसे लोगों पर भी एक पक्षी और दमनकारी सोच जैसा पोछा आरोप कांग्रेस लगा रही है. राठौड़ ने कहा जिन्होंने देश में करीब 100 बार 356 धारा का उपयोग किया हो और सरकारों को गिराने का षडयंत्र किया हो. वो लोग यदि प्रजातंत्र की दुहाई दे तो ठीक नहीं लगता.
-
श्री कलराज मिश्र जी, जिनकी पहचान कुशल प्रशासक और राजनीतिक शुचिता का सम्मान करने वाले परिपक्व नेता के रूप में होती है, वह राजस्थान के महामहिम राज्यपाल के गरिमामय पद पर विराजमान हैं। उनकी छवि हमेशा एक आदर्शवादी, धर्म परायण नेता की रही है। (1/7)#GetWellSoonGovernor pic.twitter.com/H2Sy2FpxOQ
— Avinash Pande (@avinashpandeinc) July 28, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">श्री कलराज मिश्र जी, जिनकी पहचान कुशल प्रशासक और राजनीतिक शुचिता का सम्मान करने वाले परिपक्व नेता के रूप में होती है, वह राजस्थान के महामहिम राज्यपाल के गरिमामय पद पर विराजमान हैं। उनकी छवि हमेशा एक आदर्शवादी, धर्म परायण नेता की रही है। (1/7)#GetWellSoonGovernor pic.twitter.com/H2Sy2FpxOQ
— Avinash Pande (@avinashpandeinc) July 28, 2020श्री कलराज मिश्र जी, जिनकी पहचान कुशल प्रशासक और राजनीतिक शुचिता का सम्मान करने वाले परिपक्व नेता के रूप में होती है, वह राजस्थान के महामहिम राज्यपाल के गरिमामय पद पर विराजमान हैं। उनकी छवि हमेशा एक आदर्शवादी, धर्म परायण नेता की रही है। (1/7)#GetWellSoonGovernor pic.twitter.com/H2Sy2FpxOQ
— Avinash Pande (@avinashpandeinc) July 28, 2020
पढ़ेंः SOG की FIR रद्द कराने के लिए HC पहुंचे बागी विधायक भंवर लाल शर्मा
इस दौरान राजेंद्र राठौड़ ने प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया के हाल ही में आए बयान को भी उनका अपना बयान बताया और कहा कि सत्र बुलाने ना बुलाने का संपूर्ण अधिकार राज्यपाल महामहिम के पास है. वह मौजूदा परिस्थिति के अनुसार ही इस संबंध में निर्णय ले सकते हैं. आपको बता दें कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अपने बयान में कहा था कि यदि कांग्रेस को जल्द सत्र बुलाना है तो इसके लिए एक लाइन में राज्यपाल को प्रस्ताव लिखकर दें कि वह विश्वास मत हासिल करना चाहते हैं. इसके लिए सत्र बुलाया जाए ऐसे में सबसे भी जल्द आहूत हो सकता है.