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विधायकों को नोटिस मामले में बोले राजेंद्र राठौड़, 'कांग्रेस की अंतर कलह में विधानसभा सचिवालय बन रहा है टूल'

सचिन पायलट के विधायकों को मिले नोटिस के मामले में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि उन्होंने अपने संसदीय जीवन में इस प्रकार के नोटिस की कार्रवाई कभी नहीं देखी है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा सचिवालय को कांग्रेस के अंतर कलह में टूल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, Deputy Leader Rajendra Rathore
पायलट विधायकों को नोटिस के मामले में राजेंद्र राठौड़ का बयान
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Published : Jul 15, 2020, 1:42 PM IST

जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी उठापटक के बीच पायलट कैंप के 19 विधायकों को मिले विधानसभा के नोटिस के मामले में सियासत गर्म है. इस मामले में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा सचिवालय को कांग्रेस के अंतर कलह में टूल के रूप में इस्तेमाल होने का आरोप लगाया है.

पायलट विधायकों को नोटिस के मामले में राजेंद्र राठौड़ का बयान

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने संसदीय जीवन में इस प्रकार के नोटिस की कार्रवाई कभी नहीं देखी है. राठौड़ ने कहा कि विधानसभा के बाहर किसी भी माननीय सदस्य के आचरण पर इस प्रकार की नोटिस की कार्रवाई होती आज तक नहीं देखी गई. बावजूद इसके हमारे विधानसभा अध्यक्ष विद्वान हैं और संसदीय ज्ञान के ज्ञाता हैं.

पढ़ेंः सचिन पायलट के बगावती सुर के बाद मंगलवार को 'वेट एंड वॉच' की मुद्रा में दिखी BJP, देखिए क्या कुछ हुआ दिन भर

राठौड़ ने आगे कहा कि रात के अंधेरे में आनन-फानन में जिस प्रकार विधानसभा सचिवालय खुलवा कर 19 विधायकों को नोटिस जारी करवाए गए, यह हिंदुस्तान के संसदीय इतिहास में ऐसा पहला मौका है जब इस तरह की घटना हुई. राठौड़ ने कहा कि प्रतिपक्ष इस मामले में विधि वक्ताओं की राय ले रहा है, ताकि आगे की अपनी रणनीति तय करे और फिर उचित स्थान पर इसका प्रतिकार भी करे.

जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी उठापटक के बीच पायलट कैंप के 19 विधायकों को मिले विधानसभा के नोटिस के मामले में सियासत गर्म है. इस मामले में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा सचिवालय को कांग्रेस के अंतर कलह में टूल के रूप में इस्तेमाल होने का आरोप लगाया है.

पायलट विधायकों को नोटिस के मामले में राजेंद्र राठौड़ का बयान

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने संसदीय जीवन में इस प्रकार के नोटिस की कार्रवाई कभी नहीं देखी है. राठौड़ ने कहा कि विधानसभा के बाहर किसी भी माननीय सदस्य के आचरण पर इस प्रकार की नोटिस की कार्रवाई होती आज तक नहीं देखी गई. बावजूद इसके हमारे विधानसभा अध्यक्ष विद्वान हैं और संसदीय ज्ञान के ज्ञाता हैं.

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राठौड़ ने आगे कहा कि रात के अंधेरे में आनन-फानन में जिस प्रकार विधानसभा सचिवालय खुलवा कर 19 विधायकों को नोटिस जारी करवाए गए, यह हिंदुस्तान के संसदीय इतिहास में ऐसा पहला मौका है जब इस तरह की घटना हुई. राठौड़ ने कहा कि प्रतिपक्ष इस मामले में विधि वक्ताओं की राय ले रहा है, ताकि आगे की अपनी रणनीति तय करे और फिर उचित स्थान पर इसका प्रतिकार भी करे.

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