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राजेंद्र राठौड़ ने CM गहलोत को लिखा पत्र, कहा- ऑटो रिक्शा की तरह एंबुलेंस में भी मीटर लगाए सरकार - Jaipur News

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. उन्होंने सरकार से ऑटो रिक्शा के तरह एंबुलेंस में भी मीटर लगाए जाने की मांग की है.

Demand to install meter in ambulance, Rathore wrote a letter to CM Ashok Gehlot
राठौड़ ने गहलोत को लिखा पत्र
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Published : May 7, 2021, 3:56 PM IST

जयपुर. प्रतिपक्ष के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ ने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र लिखकर पीड़ित रोगी और उनके परिजनों से मोटा किराया वसूल रहे एंबुलेंस कर्मियों को लेकर आगाह किया है. साथ ही ऑटो रिक्शा के तरह ही एंबुलेंस में भी मीटर लगाए जाने की मांग की है.

Demand to install meter in ambulance, Rathore wrote a letter to CM Ashok Gehlot
राठौड़ ने लिखा पत्र-1

पढ़ें- अलवर में होने लगी ऑक्सीजन की कमी, निजी अस्पताल ने मरीजों को भर्ती करने से किया मना

'गलत वसूली पर सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है'

राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा है कि एक ओर जहां कोरोना महामारी लोगों की सांसें छीन रही है, तो वहीं दूसरी ओर एंबुलेंसकर्मी रोगियों से मोटा किराया वसूल रहे हैं. लेकिन, अफसोस है कि सरकार इस गलत वसूली पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि एंबुलेंस किराया नीति से ज्यादा किराया वसूल करने वाले एंबुलेंस मालिकों के खिलाफ राज्य सरकार सख्ती से कार्रवाई कर उनके वाहन जब्त करें.

एंबुलेंस में मीटर लगाने की मांग

उपनेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राज्य सरकार को एक महत्वपूर्ण सुझाव भी दिया है कि जिस तरह से ऑटो रिक्शा में मीटर लगे होते हैं, उसी तरह एंबुलेंस में भी मीटर अनिवार्य कर दिए जाने चाहिए. इससे एंबुलेंसकर्मी रोगियों के परिजनों से मनमाना पैसा वसूल नहीं कर सकेगा.

Demand to install meter in ambulance, Rathore wrote a letter to CM Ashok Gehlot
राठौड़ ने लिखा पत्र-2

ये है दरें...

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इससे बड़ी दुर्भाग्य की क्या बात होगी कि राज्य सरकार ने एंबुलेंस किराए की नीति लागू कर रखी है. सरकारी दरों के अनुसार पहले 10 किमी के लिए 500 रुपए ( आना-जाना सम्मलित) और 10 किमी के बाद गाड़ियों के अनुकूल तीन श्रेणियों के अनुसार 12.50 रुपए, 14.50 रुपए और 17.50 रुपए प्रति किमी की दरें निर्धारित है.

पढ़ें- COVID-19 : जानें राजस्थान के सभी जिलों में कितने खाली बचे हैं ऑक्सीजन बेड, ICU और वेंटिलेटर्स

लेकिन, एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइड कराने वाली कंपनियों ने राज्य सरकार की ओर से निर्धारित दरों को सूचीबद्ध नहीं कर रखा है और सरकारी दरों को धता बताकर कोरोना की आपदा को अवसर में तब्दील कर मरीजों की विवशता का फायदा उठाते हुए परिजनों से मोटी रकम वसूलना प्रारंभ कर दिया है.

सरकार को मुकदमा दर्ज कर करनी चाहिए कार्रवाई

राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में जितनी भी एंबुलेंस चल रही है, उनमें से अधिकतर लोन पर है जिन्हें व्यवसाय के साथ-साथ मानवीय सेवा को ध्यान में रख कर ही वित्तीय संस्थानों ने ऋण दिया है. इसके बावजूद कोरोना के अवसाद को अवसर मान कर ये लोग अपने परिजनों को जिंदा रखने के लिए संघर्ष कर रहे लोगों को लूटने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि ना केवल ऐसी एंबुलेंसों के लाइसेंस रद्द किए जाने चाहिए, बल्कि उनके मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए.

जयपुर. प्रतिपक्ष के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ ने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र लिखकर पीड़ित रोगी और उनके परिजनों से मोटा किराया वसूल रहे एंबुलेंस कर्मियों को लेकर आगाह किया है. साथ ही ऑटो रिक्शा के तरह ही एंबुलेंस में भी मीटर लगाए जाने की मांग की है.

Demand to install meter in ambulance, Rathore wrote a letter to CM Ashok Gehlot
राठौड़ ने लिखा पत्र-1

पढ़ें- अलवर में होने लगी ऑक्सीजन की कमी, निजी अस्पताल ने मरीजों को भर्ती करने से किया मना

'गलत वसूली पर सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है'

राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा है कि एक ओर जहां कोरोना महामारी लोगों की सांसें छीन रही है, तो वहीं दूसरी ओर एंबुलेंसकर्मी रोगियों से मोटा किराया वसूल रहे हैं. लेकिन, अफसोस है कि सरकार इस गलत वसूली पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि एंबुलेंस किराया नीति से ज्यादा किराया वसूल करने वाले एंबुलेंस मालिकों के खिलाफ राज्य सरकार सख्ती से कार्रवाई कर उनके वाहन जब्त करें.

एंबुलेंस में मीटर लगाने की मांग

उपनेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राज्य सरकार को एक महत्वपूर्ण सुझाव भी दिया है कि जिस तरह से ऑटो रिक्शा में मीटर लगे होते हैं, उसी तरह एंबुलेंस में भी मीटर अनिवार्य कर दिए जाने चाहिए. इससे एंबुलेंसकर्मी रोगियों के परिजनों से मनमाना पैसा वसूल नहीं कर सकेगा.

Demand to install meter in ambulance, Rathore wrote a letter to CM Ashok Gehlot
राठौड़ ने लिखा पत्र-2

ये है दरें...

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इससे बड़ी दुर्भाग्य की क्या बात होगी कि राज्य सरकार ने एंबुलेंस किराए की नीति लागू कर रखी है. सरकारी दरों के अनुसार पहले 10 किमी के लिए 500 रुपए ( आना-जाना सम्मलित) और 10 किमी के बाद गाड़ियों के अनुकूल तीन श्रेणियों के अनुसार 12.50 रुपए, 14.50 रुपए और 17.50 रुपए प्रति किमी की दरें निर्धारित है.

पढ़ें- COVID-19 : जानें राजस्थान के सभी जिलों में कितने खाली बचे हैं ऑक्सीजन बेड, ICU और वेंटिलेटर्स

लेकिन, एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइड कराने वाली कंपनियों ने राज्य सरकार की ओर से निर्धारित दरों को सूचीबद्ध नहीं कर रखा है और सरकारी दरों को धता बताकर कोरोना की आपदा को अवसर में तब्दील कर मरीजों की विवशता का फायदा उठाते हुए परिजनों से मोटी रकम वसूलना प्रारंभ कर दिया है.

सरकार को मुकदमा दर्ज कर करनी चाहिए कार्रवाई

राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में जितनी भी एंबुलेंस चल रही है, उनमें से अधिकतर लोन पर है जिन्हें व्यवसाय के साथ-साथ मानवीय सेवा को ध्यान में रख कर ही वित्तीय संस्थानों ने ऋण दिया है. इसके बावजूद कोरोना के अवसाद को अवसर मान कर ये लोग अपने परिजनों को जिंदा रखने के लिए संघर्ष कर रहे लोगों को लूटने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि ना केवल ऐसी एंबुलेंसों के लाइसेंस रद्द किए जाने चाहिए, बल्कि उनके मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए.

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