जयपुर. कोरोना के जंग जीतकर करीब 20 दिन बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ बुधवार को फेसबुक के जरिए समर्थकों और कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए. फेसबुक लाइव के दौरान राठौड़ ने कहा कि कोरोना काल में दो गज की दूरी बेहद जरूरी है, लेकिन आत्मग्लानि इस बात की है कि आखिर मुझसे चूक कहां हुई. कहीं मैं इस दौरान कोरोना का सुपर स्प्रेडर तो नहीं बन गया. यही कारण है कि जब कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली तो सबसे पहले उन तमाम लोगों को मैंने सूचना दी, जिनका मुझसे हाल ही में संपर्क हुआ था.
राजेंद्र राठौड़ के अनुसार राजनीतिक जीवन में जनता के बीच सुख दुख में रहना उनकी आम दिनचर्या में शुमार है. शायद इसी के चलते कहीं कोरोना की चपेट में भी आ गए. राठौड़ कहते हैं कि पुराना पारंपरिक जीवन ही इस महामारी से जंग जीतने का एक बड़ा उपाय है, जिसे अपना नाम बेहद जरूरी है. इस दौरान राजेंद्र राठौड़ ने उन सभी लोगों का शुक्रिया भी अदा किया, जिन्होंने उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए कामनाएं की और तमाम उन जनप्रतिनिधियों का नाम भी लिया.
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राठौड़ ने यह भी कहा कि अमूमन 14 दिन में क्वॉरेंटाइन समय के दौरान ही इस महामारी की निगेटिव वाली रिपोर्ट आ जाती है, लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं हुआ. उसमें काफी समय लगा. राठौड़ के अनुसार उन्होंने जीवन में सकारात्मक राजनीति की है. इसलिए कोरोना वायरस की निगेटिव रिपोर्ट आने में भी लंबा समय लगा.
गौरतलब है कि इससे पहले बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने भी कोरोना की अपनी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद इस तरह सोशल मीडिया पर लोगों से संवाद किया था. कोरोना के दौरान अपने अनुभव और संघर्ष साझा किए थे. अब इसी परंपरा को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़न ने भी आगे बढ़ाया है.