जयपुर. उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सोमवार को एक बयान जारी कर कांग्रेस के पैदल मार्च, यूपी बॉर्डर के पास किये प्रदर्शन और आज के मौन व्रत को लेकर जुबानी हमला बोला है.
राठौड़ ने कहा कि सरकार ने अपने ही नौकरशाहों के सामने ढोंग किया है. प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री अशोक गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना के विरोध में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की ओर से पहले 5 अक्टूबर को जयपुर में कलेक्ट्रेट से पीसीसी तक पैदल मार्च और 7 अक्टूबर को भरतपुर में यूपी बॉर्डर के पास नौटंकीपूर्ण प्रदर्शन किया.
कांग्रेस का मौन व्रत ढोंग..
राठौड़ ने कहा कि सोमवार को एक बार फिर राजधानी जयपुर में कांग्रेस पार्टी ने नाटकीय घटनाक्रम के तहत मौन व्रत का ढोंग अपने ही नौकरशाहों के सम्मुख किया जो दुर्भाग्यपूर्ण है. राठौड़ ने कहा कि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा मांगने की बजाय राजस्थान के मुख्यमंत्री और गृह विभाग के मुखिया अशोक गहलोत को प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था और लगातार बढ़ रहे अपराधों की जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. सत्ताधारी कांग्रेस सरकार ने जयपुर में मौन व्रत का नाटक घडियाली आंसू बहाने के जैसा है.
राज्य में पेपर माफिया सक्रिय..
राठौड़ ने कहा कि रीट भर्ती परीक्षा में हुई धांधली और पेपर लीक प्रकरण के मास्टरमाइंड बत्तीलाल मीणा के तार किन-किन लोगों से जुड़ें हैं. इसका खुलासा सरकार को जल्द से जल्द करना चाहिए. रीट भर्ती परीक्षा में सरकारी स्तर पर बदइंतजामी और पेपर माफियाओं के राजनीतिक आकाओं के साथ गठजोड़ का ही परिणाम रहा कि सत्ता में बैठे लोगों ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए लाखों अभ्यर्थियों के अरमानों के साथ खिलवाड़ कर परीक्षा की पवित्रता को नष्ट करने का काम किया गया. सरकार को स्पष्ट करना चाहिए अगर रीट का पेपर आउट ही नहीं हुआ तो करीब 2 दर्जन सरकारी अधिकारियों और कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई क्यों की गई ?
प्रदेश की कानून व्यवस्था चौपट..
राठौड़ ने कहा कि अपराधों की दृष्टि से देशभर में अव्वल राजस्थान में कांग्रेस सरकार पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था को तो ठीक से संभाल लें फिर जाकर पड़ोसी राज्य के हालातों पर चिंता व्यक्त करें. बीकानेर में कांग्रेस नेता को सरेराह बेरहमी से पीटा गया और हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा में दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई, ये घटनाएं राज्य की लचर कानून व्यवस्था को प्रदर्शित करती हैं.
कोई भी सुरक्षित नहीं..
राठौड़ ने कहा कि लचर कानून व्यवस्था का फायदा अब पेपर माफिया भी उठा रहे हैं. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में लचर कानून व्यवस्था के कारण चारों तरफ दहशतगर्दी का माहौल व्याप्त है और राज्य में महिला, दलित, युवा, पुजारी, व्यापारी एक भी वर्ग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है. एक ओर कांग्रेस पार्टी कांग्रेस शासित प्रदेशों में बढ़ते अपराधों को नजरअंदाज कर रही है वहीं दूसरी ओर अन्य राज्यों के मुद्दों पर राजनीतिक ढोंग करने में लगी है.
आंकड़े बयां कर रहे राज्य की तस्वीर..
राठौड़ ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के नए आंकड़ों के अनुसार दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान वर्ष 2019 के बाद 2020 में फिर से देश में पहले पायदान पर है. राजस्थान में प्रतिदिन करीब 15 मामले रेप के सामने आना यह दर्शाता है कि राज्य में बहन-बेटियां बिल्कुल भी महफूज नहीं हैं. दलित अत्याचारों में राजस्थान का देश में तीसरे स्थान पर होने से स्पष्ट है कि प्रदेश में दलित वर्ग पर अत्याचार की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है.
राठौड़ ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है और योगी सरकार उसकी तह तक जा रही है, कानून के तहत दोषियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही कर रही है, इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी लखीमपुर खीरी में हुई घटना को राजनीति में बदलकर नित नए विरोध-प्रदर्शन कर अपना अस्तित्व दिखाने की असफल कोशिश कर रही है.