जयपुर. उपमुख्यमंत्री और प्रदेश के ग्रामीण पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने जानकारी देते हुए कहा कि मनरेगा में राजस्थान में 10,91,699 लाख लोग कार्य कर रहे हैं. जिसके चलते कोरोना संक्रमण काल में पूरे देश में मनरेगा में श्रमिकों को रोजगार देने में राजस्थान का दूसरा स्थान आया है.
पायलट ने कहा कि लॉकडाउन में जो स्थिति बनी हैं, उसमें लोगों के पास रोजगार कम है और अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है. इस अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए मनरेगा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाई जा सकती है. पायलट ने खुशी जताते हुए कहा कि आज से दस दिन पहले मनरेगा में राजस्थान में जो श्रमिकों की संख्या 60 हजार थी, वो अब बढ़कर करीब 11 लाख तक पहुंच गई है.
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इस काम में विभाग के तमाम कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों का सहयोग रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में 80 प्रतिशत काम स्वतंत्र है. जिसमें लोग अपने खेतों में, घरों में काम कर रहे हैं. उसका भुगतान उनको मिल रहा है. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए कार्य किया जा रहा है. पायलट ने कहा कि मनरेगा वह माध्यम है जिससे ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों को ताकत और बल मिल रहा है. ऐसे में उम्मीद हैं की इस संख्या को आने वाले दिनों में और बढ़ाएंगे.
30 अप्रैल को 33 जिलों में यह है मनरेगा श्रमिकों की स्थिति
अजमेर | 26642 |
अलवर | 15377 |
बांसवाड़ा | 49283 |
बारां | 50914 |
बाड़मेर | 71454 |
भरतपुर | 11647 |
भीलवाड़ा | 133783 |
बीकानेर | 25433 |
बूंदी | 20269 |
चित्तौड़गढ़ | 36453 |
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चूरू | 11070 |
दौसा | 8400 |
धौलपुर | 20882 |
डूंगरपुर | 104297 |
हनुमानगढ़ | 11285 |
जयपुर | 17276 |
जैसलमेर | 6879 |
जालोर | 52891 |
झालावाड़ | 69146 |
झुंझुनू | 6750 |
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जोधपुर | 16537 |
करौली | 5909 |
कोटा | 16921 |
नागौर | 32196 |
पाली | 50188 |
प्रतापगढ़ | 37987 |
राजसमंद | 24334 |
सवाई माधोपुर | 14317 |
सीकर | 4319 |
सिरोही | 45521 |
श्रीगंगानगर | 7756 |
टोंक | 18956 |
उदयपुर | 66627 |
कुल श्रमिक जिन्हें काम मिले | 10,91,699 |