जयपुर. राजस्थान के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लाभार्थियों के लिए एक अच्छी खबर है. राजस्थान के खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लाभार्थी अब 11 अन्य राज्यों की राशन की दुकानों से गेहूं ले सकेंगे. खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत सरकार की 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना के तहत राजस्थान को 11 अन्य राज्यों से जोड़ा गया है.
इस तरह से राज्य के खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लाभार्थी राजस्थान सहित 12 राज्यों की राशन की दुकानों से गेहूं ले सकेंगे. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर आगामी दिनों में नेशनल पोर्टेबिलिटी लागू की जाएगी.
इसके तहत देश का राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का कोई भी लाभार्थी देश के किसी भी राज्य की राशन की दुकान से गेहूं प्राप्त कर सकता है. उन्होंने बताया कि नेशनल पोर्टेबिलिटी लागू करने से पहले इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी के तहत देश के 12 राज्यों को जोड़ा गया है.
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इसके तहत राजस्थान राज्य को इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी में आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा राज्य के साथ जोड़ा गया है. राजस्थान के खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी इन राज्यों में स्थित राशन की दुकानों से भी गेहूं ले सकेगा.
इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी के यह है फायदे
खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि राज्य में इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू होने से राजस्थान राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी एक-दूसरे राज्य की किसी भी राशन की दुकान से गेहूं प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य के राष्ट्रीय खाद सुरक्षा योजना के लाभार्थी जो मजदूरी, व्यवसाय अन्य कारण से आंध्र प्रदेश, तेलगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा राज्य में जाते हैं. वे लाभार्थी इन राज्यों में स्थित राशन की दुकान से अपना गेहूं प्राप्त कर सकते हैं.
इंटर स्टेट लागू होने से लाभार्थियों को एक दूसरे राज्य से राशन प्राप्त करने के लिए अलग से राशन कार्ड बनवाने की आवश्यकता भी नहीं रहेगी. उन्होंने बताया कि पूरे देश में नेशनल पोर्टेबिलिटी लागू होने के बाद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी देश के किसी भी राज्य में स्थित राशन की दुकान से गेहूं प्राप्त कर सकेंगे.