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भीषण गर्मी के बीच जारी हुआ ये फरमान, आम जन के छूट जाएंगे पसीने...जानिए क्यों

राजस्थान में कोयले के संकट के कारण हो (Rajasthan coal crisis) रही बिजली समस्या के बीच एक नया फरमान जारी हुआ है. डिस्कॉम ने बिजली की बढ़ती खपत के चलते बिजली कटौती का निर्णय लिया है.

Rajasthan to face power cuts
राजस्थान में कोयला संकट
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Published : Apr 24, 2022, 7:01 AM IST

जयपुर. भीषण गर्मी के बीच अब आम लोगों को बिजली कटौती का संकट भी झेलना पड़ रहा है. कोयला संकट (Rajasthan coal crisis) और बिजली की खपत में इजाफे के चलते डिस्कॉम ने बिजली कटौती का निर्णय किया है. हालांकि अति आवश्यक सेवाओं को इससे अलग रखा जाएगा. वहीं जिला मुख्यालय (Increased demand of electricity in Rajasthan) और संभाग मुख्यालय के अलावा संपूर्ण ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की कटौती शुरू कर दी गई है. जब तक डिमांड और सप्लाई की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, बिजली की कटौती तब तक जारी रहेगी.

1 दिन में 669 लाख यूनिट की खपत बढ़ी: राजस्थान में पिछले वर्ष अप्रैल माह में बिजली की मांग 1 दिन में 2,131 लाख यूनिट थी. जबकि अधिकतम मांग 11,570 मेगावाट रही थी. यदि वर्तमान में इसकी तुलना की जाए तो यही मांग अब 2,800 लाख यूनिट तक पहुंच गई है. यानी अब एक दिन में 669 लाख यूनिट ज्यादा की खपत हो रही है. बिजली की मांग पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 31% तक बढ़ गई है. ऐसे हालात में सभी बिजलीघरों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. फिलहाल आवश्यक सेवाओं जैसे अस्पताल ऑक्सीजन प्लांट सेंटर पेयजल आपूर्ति और मिलिट्री इंस्टॉलेशन आदि को बिजली कटौती से बाहर रखा गया है.

पढ़ें-Rajasthan : थर्मल इकाइयों में 2 से 5 दिन का कोयला शेष, लेकिन गर्मियों में निर्बाध बिजली आपूर्ति का दावा...

बिजली कटौती के पीछे दिया ये तर्क: प्रदेश में बिजली की डिमांड बढ़ गई है. लेकिन कोयले के संकट के चलते बिजली का उत्पादन उसके अनुरूप नहीं हो पा रहा. स्थिति केवल राजस्थान में ही खराब नहीं हैं, बल्कि देश के कई राज्यों में 7 से 8 घंटे तक की बिजली की कटौती हो रही है. कोयले की कमी के चलते एक्सचेंज के जरिए और महंगे दामों पर भी जरूरत के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही. प्रदेश में अभी प्रतिदिन 6,600 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. जबकि राज्य में थर्मल पावर स्टेशनों की विद्युत उत्पादन क्षमता 10,110 मेगावाट है. हालांकि प्रदेश में चार से पांच थर्मल इकाइयां तकनीकी कारणों से बंद भी बताई जा रही है. वर्तमान में 1,720 मेगावाट क्षमता की चार यूनिट से बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है.

महंगी बिजली खरीदने से बच रहा डिस्कॉम: राजस्थान ऊर्जा विकास निगम ने 800 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए हाल ही में शॉर्ट टर्म टेंडर किया था. जिसमें पहली बार 10 रुपए प्रति यूनिट और दूसरी बार 11.15 पैसे प्रति यूनिट की दर आई थी. लेकिन ये दर बिजली के खरीद के लिहाज से महंगी है. फिलहाल डिस्कॉम ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्रों में रोस्टर के अनुसार बिजली कटौती करने जा रहा है. डिस्कॉम ने आम बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि विद्युत का किफायत के साथ उपयोग करते हुए बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सामान्य बनाए रखने में डिस्कॉम का सहयोग करें.

जयपुर. भीषण गर्मी के बीच अब आम लोगों को बिजली कटौती का संकट भी झेलना पड़ रहा है. कोयला संकट (Rajasthan coal crisis) और बिजली की खपत में इजाफे के चलते डिस्कॉम ने बिजली कटौती का निर्णय किया है. हालांकि अति आवश्यक सेवाओं को इससे अलग रखा जाएगा. वहीं जिला मुख्यालय (Increased demand of electricity in Rajasthan) और संभाग मुख्यालय के अलावा संपूर्ण ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की कटौती शुरू कर दी गई है. जब तक डिमांड और सप्लाई की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, बिजली की कटौती तब तक जारी रहेगी.

1 दिन में 669 लाख यूनिट की खपत बढ़ी: राजस्थान में पिछले वर्ष अप्रैल माह में बिजली की मांग 1 दिन में 2,131 लाख यूनिट थी. जबकि अधिकतम मांग 11,570 मेगावाट रही थी. यदि वर्तमान में इसकी तुलना की जाए तो यही मांग अब 2,800 लाख यूनिट तक पहुंच गई है. यानी अब एक दिन में 669 लाख यूनिट ज्यादा की खपत हो रही है. बिजली की मांग पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 31% तक बढ़ गई है. ऐसे हालात में सभी बिजलीघरों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. फिलहाल आवश्यक सेवाओं जैसे अस्पताल ऑक्सीजन प्लांट सेंटर पेयजल आपूर्ति और मिलिट्री इंस्टॉलेशन आदि को बिजली कटौती से बाहर रखा गया है.

पढ़ें-Rajasthan : थर्मल इकाइयों में 2 से 5 दिन का कोयला शेष, लेकिन गर्मियों में निर्बाध बिजली आपूर्ति का दावा...

बिजली कटौती के पीछे दिया ये तर्क: प्रदेश में बिजली की डिमांड बढ़ गई है. लेकिन कोयले के संकट के चलते बिजली का उत्पादन उसके अनुरूप नहीं हो पा रहा. स्थिति केवल राजस्थान में ही खराब नहीं हैं, बल्कि देश के कई राज्यों में 7 से 8 घंटे तक की बिजली की कटौती हो रही है. कोयले की कमी के चलते एक्सचेंज के जरिए और महंगे दामों पर भी जरूरत के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही. प्रदेश में अभी प्रतिदिन 6,600 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. जबकि राज्य में थर्मल पावर स्टेशनों की विद्युत उत्पादन क्षमता 10,110 मेगावाट है. हालांकि प्रदेश में चार से पांच थर्मल इकाइयां तकनीकी कारणों से बंद भी बताई जा रही है. वर्तमान में 1,720 मेगावाट क्षमता की चार यूनिट से बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है.

महंगी बिजली खरीदने से बच रहा डिस्कॉम: राजस्थान ऊर्जा विकास निगम ने 800 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए हाल ही में शॉर्ट टर्म टेंडर किया था. जिसमें पहली बार 10 रुपए प्रति यूनिट और दूसरी बार 11.15 पैसे प्रति यूनिट की दर आई थी. लेकिन ये दर बिजली के खरीद के लिहाज से महंगी है. फिलहाल डिस्कॉम ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्रों में रोस्टर के अनुसार बिजली कटौती करने जा रहा है. डिस्कॉम ने आम बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि विद्युत का किफायत के साथ उपयोग करते हुए बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सामान्य बनाए रखने में डिस्कॉम का सहयोग करें.

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