जयपुर. मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों को अब शिक्षकों का भी समर्थन मिल गया है. राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के बैनर तले प्रदेश भर से शिक्षक रविवार को शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचेंगे. जहां राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के किसान बीते सात दिन से पड़ाव डालकर बैठे हैं. राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग ने यह घोषणा की है.
सिहाग का कहना है कि मोदी सरकार के तीनों कृषि कानून किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले और कॉरपोरेट जगत को फायदा पहुंचाने वाले हैं. इन कानूनों को वापस लेने के लिए किसान कड़ाके की सर्दी में भी डटा हुआ है, लेकिन सरकार ने इस मुद्दे पर अभी तक उतनी संवेदनशीलता नहीं दिखाई है. जितनी ऐसे मुद्दों पर सरकार से उम्मीद की जाती है. इसलिए शिक्षक संघ शेखावत ने आंदोलनकारी किसानों को समर्थन का एलान किया है.
सिहाग का कहना है कि उनके नेतृत्व में 20 दिसंबर को प्रदेश भर से शिक्षक शाहजहांपुर बॉर्डर जाएंगे. जहां किसानों के साथ वे धरना-प्रदर्शन में शामिल होंगे. उनका कहना है कि सरकार ने जैसे कर्मचारियों की पुरानी पेंशन खत्म कर नई पेंशन योजना लागू की है. निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. वैसे ही यह तीनों कृषि कानून भी किसानों को कमजोर करने वाला है. अगर सरकार ने इन्हें वापस नहीं लिया तो समाज के सभी वर्ग एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मैदान में उतरेंगे.
इधर, आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, जयपुर की ओर से प्रदेशभर में चलाए जा रहे किसान बचाओ आंदोलन के तहत 21 दिसंबर को जयपुर में शहीद स्मारक पर सुबह 10:30 बजे से धरना देकर प्रदर्शन किया जाएगा.