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राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र, की ये मांग..

राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नर्सिंग कर्मचारियों के पदनाम परिवर्तित करने की मांग की है. महासंघ का कहना है कि पदनाम परिवर्तित करने से सरकार पर कोई आर्थिक भार नहीं आएगा और कर्मचारियों का उत्साह वर्धन होगा.

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Published : May 10, 2020, 6:02 PM IST

जयपुर न्यूज, jaipur news
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ ने रखी अपनी मांग

जयपुर. कोरोना संकट के दौर में राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार से नर्सिंग कर्मचारियों का नाम परिवर्तित पर उन्हें सम्मान दिए जाने की मांग की है. इस संबंध में महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय सिंह धाकड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर महासंघ की मांग से अवगत कराया है.

महासंघ ने वैश्विक महामारी कोरोना काल में राज्य के नर्सिंग कर्मचारियों की जोखिम पूर्ण स्थिति का हवाला देते हुए सरकार से मांग की है कि इन कोरोना वॉरियर्स का पदनाम केंद्र के समान किए जाएं. धाकड़ ने बताया कि सरकार के समक्ष ये मांग काफी लंबे समय से लंबित पड़ी है.

राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

पढ़ें: कोटपूतली: व्यापार संघ ने सब्जी और फल मंडी को बंद रखने का किया फैसला, 5 दिन बाद होगी समीक्षा

उनके अनुसार नर्स ग्रेड 2 को नर्सिंग ऑफिसर, नर्स ग्रेड 1 को सीनियर नर्सिंग ऑफिसर (राजपत्रित), नर्सिंग ट्यूटर (पीएचएन) को लेक्चरर इन नर्सिंग और नर्सिंग अधीक्षक को प्रिंसिपल इन नर्सिंग के पदनाम में परिवर्तित कर इन्हें सम्मान दिए जाने का आग्रह किया.

महासंघ प्रदेश अध्यक्ष विजय सिंह धाकड़ ने बताया कि राज्य सेवा में 4800 ग्रेड पे के अधिकांश पद राजपत्रित हैं. उनके अनुसार नर्सिंग संवर्ग का नर्स ग्रेड 1 का एकमात्र पद है, जो 4800 ग्रेड पे होने के बाद भी अराजपत्रित है. इसलिए एकरूपता लाने हेतु नर्सिंग संवर्ग के साथ हुए अन्याय को समाप्त करने के लिए नर्स ग्रेड-1 को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिया जाना चाहिए.

धाकड़ ने ये भी कहा कि पदनाम में परिवर्तित करने से राज्य सरकार के ऊपर किसी प्रकार का कोई वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा और ऐसा करने पर नर्सिंग संवर्ग में उत्साह का नया संचार भी होगा.

जयपुर. कोरोना संकट के दौर में राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार से नर्सिंग कर्मचारियों का नाम परिवर्तित पर उन्हें सम्मान दिए जाने की मांग की है. इस संबंध में महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय सिंह धाकड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर महासंघ की मांग से अवगत कराया है.

महासंघ ने वैश्विक महामारी कोरोना काल में राज्य के नर्सिंग कर्मचारियों की जोखिम पूर्ण स्थिति का हवाला देते हुए सरकार से मांग की है कि इन कोरोना वॉरियर्स का पदनाम केंद्र के समान किए जाएं. धाकड़ ने बताया कि सरकार के समक्ष ये मांग काफी लंबे समय से लंबित पड़ी है.

राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

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उनके अनुसार नर्स ग्रेड 2 को नर्सिंग ऑफिसर, नर्स ग्रेड 1 को सीनियर नर्सिंग ऑफिसर (राजपत्रित), नर्सिंग ट्यूटर (पीएचएन) को लेक्चरर इन नर्सिंग और नर्सिंग अधीक्षक को प्रिंसिपल इन नर्सिंग के पदनाम में परिवर्तित कर इन्हें सम्मान दिए जाने का आग्रह किया.

महासंघ प्रदेश अध्यक्ष विजय सिंह धाकड़ ने बताया कि राज्य सेवा में 4800 ग्रेड पे के अधिकांश पद राजपत्रित हैं. उनके अनुसार नर्सिंग संवर्ग का नर्स ग्रेड 1 का एकमात्र पद है, जो 4800 ग्रेड पे होने के बाद भी अराजपत्रित है. इसलिए एकरूपता लाने हेतु नर्सिंग संवर्ग के साथ हुए अन्याय को समाप्त करने के लिए नर्स ग्रेड-1 को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिया जाना चाहिए.

धाकड़ ने ये भी कहा कि पदनाम में परिवर्तित करने से राज्य सरकार के ऊपर किसी प्रकार का कोई वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा और ऐसा करने पर नर्सिंग संवर्ग में उत्साह का नया संचार भी होगा.

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