जयपुर. राजधानी से फेसबुक के जरिए ठगी (fraud through facebook) का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानने के बाद आप फेसबुक पर अंजान लोगों से बात करने में भी हजार बार सोचेंगे.
दरअसल राजस्थान SOG ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए फेसबुक पर दोस्ती कर 3.9 मिलियन डॉलर की संपत्ति का वारिस बनाने का झांसा देकर 2.5 करोड़ की ठगी करने वाले एक शातिर साइबर ठग (Cyber Thug) को गिरफ्तार किया है. आरोपी को देहरादून के मसूरी से गिरफ्तार किया है.
जानकारी के अनुसार सवाई माधोपुर निवासी गुंजन शर्मा ने वर्ष 2017 में साइबर ठगी (Cyber Fraud) की शिकायत दर्ज करवाई थी. गुंजन को फेसबुक पर एक विदेशी महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट प्राप्त हुई. जिसे स्वीकार करने के बाद गुंजन की उस विदेशी महिला से चैट के जरिए बातचीत होने लगी है. विदेशी महिला ने खुद को कैंसर का मरीज बताया और साथ ही उसके पति की मृत्यु पूर्व में हो जाने की बात कहते हुए परिवार में किसी और के नहीं होने की बात कही.
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विदेशी महिला ने चैटिंग के दौरान उसके पास 3.9 मिलियन डॉलर की संपत्ति होने की बात कहते हुए संपत्ति गुंजन के नाम करने की बात कही. उसके बाद महिला ने उसके वकील द्वारा गुंजन से जल्द संपर्क कर तमाम प्रक्रिया बताने की बात कही. इस प्रकार से साइबर ठगों द्वारा गुंजन को अपने जाल में फंसाया गया.
इसके बाद गुंजन को फॉरेन एक्सचेंज डिपार्टमेंट (foreign exchange department) की तरफ से एक ईमेल प्राप्त हुआ जिसमें इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंड (International Monitoring Fund) के नाम से लगने वाले चार्ज, कस्टम ड्यूटी, प्रोसेसिंग फीस और अन्य औपचारिकताओं के नाम पर राशि जमा कराने को कहा गया. ठगों के झांसे में आकर गुंजन ने अलग-अलग टुकड़ों में 55 अलग-अलग बैंक खातों में कुल 2.5 करोड़ रुपए की राशि जमा करवा दी.
Technical Team की सहायता से SOG पहुंची आरोपी तक
2.5 करोड़ रुपए की ठगी की वारदात को खोलने के लिए SOG की टेक्निकल टीम लगातार काम कर रही थी. गुंजन द्वारा जिन खातों में ट्रांजेक्शन किया गया उनकी डिटेल निकाली गई. इसके बाद SOG की टीम उत्तराखंड के मसूरी पहुंची और फर्जी पते के आधार पर फर्म खोलकर फर्म के नाम से खाता खुलवाने वाले आरोपी नीरज सुरी को उसके ऑफिस से गिरफ्तार कर लिया.
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प्रारंभिक पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि आरोपी ने एक फर्जी CA Card बनाकर दिल्ली, मसूरी और देहरादून में ऑफिस खोल रखा है. आरोपी ऑफिस खोलकर लोगों को लोन दिलाने, GST, ITR, Pan Card व Aadhar Card बनाने का काम करता है. लोगों द्वारा दिए गए दस्तावेजों में हेरफेर करके फर्जी दस्तावेज (fake documents) बनाकर उन दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोलता है.
साथ ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाता खोलने के बाद उन बैंक खातों को साइबर ठगी करने वाली नाइजीरियन गैंग (Nigerian gang) के लोगों को उपलब्ध करवाता है. इसके साथ ही आरोपी नाइजीरियन ठगों के साथ मिलकर विभिन्न व्यक्तियों के फर्जी फेसबुक अकाउंट (Fake Facebook Account) बनाकर लोगों को रिक्वेस्ट भेज अपने जाल में फंसा कर उन्हें बड़ी राशि या कोई गिफ्ट देने का झांसा देकर ठगी करता है.
पुलिस की गिरफ्त में आने से बचने के लिए इस आरोपी ने पिछले 5 वर्षों में 6 अलग-अलग शहरों में ऑफिस खोले हैं. फिलहाल SOG की टीम आरोपी से पूछताछ में जुटी है जिसमें कई बड़े खुलासे होने की संभावना है. आरोपी बिहार का रहने वाला है.