जयपुर. राजस्थान एसओजी ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए नशीली दवाइयों का निर्माण करने वाली एक फर्जी फर्म के संचालक सुनील नंदवानी को रविवार को देहरादून से गिरफ्तार किया (SOG arrested fake company owner) है. अजमेर जिले के रामगंज थाने में वर्ष 2021 में एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था, जिसमें सुनील वांछित चल रहा था. आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद जयपुर स्थित एसओजी मुख्यालय लाया गया है. नशीली दवाएं अवैध तरीके से बनाने और राजस्थान के विभिन्न जिलों में उसकी सप्लाई करने के प्रकरण में एसओजी पूर्व में 5 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं प्रकरण में रविवार को गिरोह के छठे सदस्य सुनील नंदवानी को गिरफ्तार किया गया है.
फर्जी फर्म के नाम पर बनाई नशीली दवाइयां: एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि नशीली दवाइयां बनाने और फिर उसकी डिलीवरी करने वाली गिरोह द्वारा नागालैंड के दिमापुर की एक फर्जी फर्म बायोमैक्सटार के नाम से भारी मात्रा में प्रतिबंधित मादक पदार्थ नशीली दवाइयों का निर्माण किया गया. उसके बाद गिरोह के द्वारा संचालित जयपुर की फर्म रमैया एंटरप्राइजेस को यह नशीली दवाइयां बेची गई. इसके बाद गिरोह के सदस्यों ने जयपुर, अजमेर और राजस्थान के अलग-अलग जिलों में अवैध तरीके से नशीली दवाइयों की खेप पहुंचाने का कारोबार संचालित किया. अजमेर की रामगंज थाना पुलिस ने 1 जून, 2021 को कार्रवाई करते हुए बड़ी तादाद में अवैध नशीली प्रतिबंधित दवाइयों की खेप बरामद की.
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कुछ दवाइयों की मैन्युफैक्चरिंग देहरादून की फर्म हिमालया मेडिटेक सेलाकुई देहरादून द्वारा किया जाना पाया गया. जिसके संचालक सुनील नंदवानी को रविवार को गिरफ्तार किया गया. नशीली दवाओं के इस अवैध कारोबार में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसके बारे में सुनील से पूछताछ की जा रही है. वहीं प्रकरण में फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. उक्त प्रकरण में अब तक अजमेर निवासी श्याम सुंदर मुंदड़ा, पश्चिम बंगाल निवासी शेख साजिद, अजमेर निवासी मुकेश टांक, नागौर निवासी कमलजीत मौर्य, बिहार निवासी शशि भारती और देहरादून निवासी सुनील नंदवानी को गिरफ्तार किया जा चुका है.