जयपुर. राजस्थान एसओजी (Rajasthan SOG) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए करीब 4 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस पूरे प्रकरण में दो आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. ठगी के प्रकरण की जांच कर रही जांच अधिकारी पूनम कुमारी ने बताया कि जिंक सॉल्यूशन लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसमें बताया गया कि कंपनी ने ब्लैकबक बॉस मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च की थी, जिसका उद्देश्य भारी वाहन संचालक कंपनियों को एक साथ डिजिटल पेमेंट कार्ड उपलब्ध करवाना था. जिसका उपयोग फास्टैग और डीजल का भुगतान करने के रूप में किया जाना था.
ओटीपी को बायपास कर की ठगी: मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए कंपनी ने सुभाष यादव और सुरेंद्र कुमार चौधरी सहित दो अन्य लोगों के खातों में करोड़ों रुपए डिजिटल मनी के रूप में जमा करवाए. जिसका प्रयोग फास्टैग और डीजल भरवाने के लिए किया जाना था. आरोपी सुभाष यादव फास्टैग का काम करता है जिसने कंपनी की ओर से भेजे जाने वाली ओटीपी को बायपास कर अपने निजी खाते में राशि जमा करवा ली. इसी प्रकार से सुरेंद्र कुमार और दो अन्य व्यक्तियों ने भी कंपनी की ओर से भेजे जाने वाले ओटीपी को बायपास कर राशि को अपने बैंक खातों में जमा करवा लिया. कंपनी की तरफ से जो राशि फास्टैग और डीजल का पेमेंट करने के लिए दी गई, उस राशि को आरोपियों ने अपने निजी कार्यों में खर्च करना शुरू कर दिया. इस प्रकार से चारों आरोपियों ने तकरीबन 4 करोड़ रुपए की राशि अपने निजी खातों में जमा करवाकर कंपनी को नुकसान पहुंचाया.
रिकवर की 78 लाख से अधिक की राशि: कंपनी ने जब अपने स्तर पर जांच की तो उनके रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं आया, उसके बाद एसओजी में शिकायत दर्ज कराई गई. एसओजी ने प्रकरण में जांच की तो आरोपियों की ओर से ओटीपी को बाईपास कर ठगी करने की वारदात का खुलासा हुआ. जिस पर एसओजी ने कार्रवाई करते हुए सुरेंद्र कुमार चौधरी और सुभाष यादव को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों के पास से 78 लाख रुपए से अधिक की राशि भी बरामद की है, जिसे कंपनी के खातों में वापस जमा करवाया गया है. प्रकरण में फरार चल रहे अन्य दो आरोपियों की तलाश की जा रही है.