जयपुर. राजस्थान रोडवेज प्रबंधक की ओर से समय पालक व्यवस्था में पारदर्शिता लागू करने के उद्देश्य से एक और कदम आगे बढ़ाया गया है. मुख्यालय में सभी 52 आगारों के एक प्रबंधक और एक सहायक को समय पालक से संबंधित कार्यों के प्रशिक्षण के लिए मुख्य ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया गया, जो मुख्य समय पालक और समय पालक को समय-समय पर प्रशिक्षण देंगे.
राजस्थान रोडवेज में मनमाने तरीके से शेड्यूल रूट बनाने की शिकायतों के बीच नवाचार करने के उद्देश्य से समय पालक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने के लिए मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया है. वहीं मुख्यालय के अधिकारियों की ओर से पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के साथ समय पालक का कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को अन्य पहलुओं पर भी विशेष प्रशिक्षण दिया गया है.
आगारों में कार्यरत मुख्य समय पालक और समय पालक का कार्य कर रहे कर्मचारी आवंटित कार्य और दायित्वों का निर्वहन उचित प्रकार से नहीं कर रहे हैं. इनके विरुद्ध चालक परिचालकों से लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं. इन शिकायतों को देखते हुए मुख्यालय स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए कार्यकारी प्रबंधक और सहायक प्रशासनिक अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है.
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इन अधिकारियों की ओर से मुख्यालय स्तर से सभी आगारों के लिए प्रत्येक माहीने की 25 तारीख तक आगामी माह के लिए मुख्य समय पालक परिचालक वर्ग और मुख्य समय पालक चालक वर्ग का पदस्थापन किया जाएगा. उप महाप्रबंधक सांख्यिकी की ओर से आगारों से प्रत्येक माह गत माह की आय के आधार पर परिचालकों और गत माह की डीजल औसत के आधार पर चालकों का ड्यूटी रोस्टर 25 तारीख तक प्राप्त किया जाएगा.
मुख्यालय से परिपत्र जारी कर मुख्य समय पालक परिचालक वर्ग और मुख्य समय पालक चालक वर्ग के लिए कार्य भी निर्धारित किए गए हैं. जिसमें समय पालक की ओर से ड्यूटी चार्ट बनाने के साथ ही चालक परिचालक लाइसेंस रिन्यूअल, रजिस्टर संधारण, आगार से वाहन प्रस्थान समय से 30 मिनट पहले, निर्धारित वर्दी, लाइसेंस, बैग की जांच कर ही बस की रवानगी सुनिश्चित करेंगे.
मुख्य समय पालक-चालक कम डीजल औसत देने और प्राण घातक दुर्घटना करने वाले चालकों को प्रशिक्षण पर भिजवाने, 50 वर्ष से अधिक आयु के चालकों का मेडिकल प्रशिक्षण करवाना सुनिश्चित करेंगे.