जयपुर. राजस्थान को नशा मुक्त बनाने की दिशा में पूरे प्रदेश में पुलिस की ओर से लागातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए भी पुलिस ने पहल की है और गहलोत सरकार से भी मदद मांगी है. युवाओं की नशे की लत छुड़ाने के लिए काउंसलिंग के साथ ही नशा मुक्ति केंद्रों में इलाज की बेहद आवश्यकता है.
हालांकि प्रत्येक जिले में पुलिस विभिन्न एनजीओ के साथ मिलकर नशा मुक्ति केंद्र में युवाओं को इलाज के लिए भर्ती करवा रही है लेकिन उसके ज्यादा सकारात्मक परिणाम नहीं आ पा रहे हैं. इसे देखते हुए अब पुलिस ने गहलोत सरकार से इस कार्य में मदद मांगी है.
एडीजी क्राइम डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में यह बात सामने आई है कि नशे के आदी युवा ही मादक पदार्थों की तस्करी में भी लिप्त हो जा रहे हैं. ये युवा अपनी तलब पूरी करने के लिए और मादक पदार्थ प्राप्त करने के लिए खुद ही इनकी तस्करी में लग जाते हैं. ऐसे में युवाओं की नशे की लत छुड़वाने के लिए और उनकी जिंदगी बेहतर बनाने के लिए समय पर उनका इलाज होना आवश्यक है.
नशे की गिरफ्त में आए युवाओं की समय पर काउंसलिंग और नशा मुक्ति केंद्र में इलाज होने पर ही उनके जीवन को सुधारा जा सकता है. राजस्थान पुलिस ने सरकार को पूरे प्रदेश में अलग-अलग जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों का संचालन करने को लेकर एक प्रस्ताव भेजा है.
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एडीजी क्राइम डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि प्रदेश में अनेक प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जहां पर नशे की लत छुड़वाने के लिए पुलिस युवाओं को भर्ती करवा रही है. इस कार्य में पुलिस तमाम एनजीओ की भी मदद ले रही है. हालांकि प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्रों से अनेक शिकायतें भी पुलिस को मिल रही हैं और उसके ज्यादा सकारात्मक परिणाम भी नहीं मिल रहे हैं.
ऐसे में अब पुलिस विभाग में राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर स्वास्थ्य विभाग या अन्य किसी विभाग की ओर से प्रदेश में नशा मुक्ति केंद्रों का संचालन किए जाने का प्रस्ताव भेजा है. राजस्थान सरकार प्रदेश को ड्रग्स फ्री बनाने को लेकर काफी गंभीर है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस को विशेष फोकस करते हुए इस दिशा में लगातार ठोस कदम उठाते रहने के निर्देश भी दिए हैं.