जयपुर. राजस्थान पुलिस काफी लंबे समय से नफरी की कमी से जूझ रही थी. जिसे गहलोत सरकार ने काफी हद तक दूर करने का प्रयास भी किया. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि वर्ष 2019-20 का बजट राजस्थान पुलिस के लिए एक अत्यधिक महत्वपूर्ण बजट रहा है.
वर्ष 2019-20 के बजट में राजस्थान पुलिस में रिक्त पड़े कांस्टेबल के पदों पर भर्तियां निकाली गई. कॉन्स्टेबल के 5000 से अधिक पदों पर भर्तियां निकाली गईं. साथ ही गहलोत सरकार की और से बजट में थानों में स्वागत कक्ष, सीसीटीवी और जेलों में सुधार के लिए हाई पावर कमेटी बनाने की घोषणा की गई. गहलोत सरकार द्वारा बजट में जो घोषणा की गई थी उनमें से अधिकतर घोषणाओं को पूरा किया जा चुका है.
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गहलोत सरकार की ओर से बजट में की गई महत्वपूर्ण घोषणाएं-
1. थानों में स्वागत कक्ष- गहलोत सरकार द्वारा बजट में प्रदेश के हर थाने में स्वागत कक्ष बनाने की घोषणा की गई. थाने में अपनी शिकायत लेकर आए पीड़ित लोगों को बैठने के लिए स्थान मिल सके और पीने के लिए पानी व अन्य सुविधाएं मिल सके, इसके लिए सरकार ने हर थाने में स्वागत कक्ष बनाने की घोषणा की. गहलोत सरकार द्वारा की गई घोषणा को अमलीजामा पहनाना भी शुरू कर दिया गया है और प्रदेश के कई जिलों में अनेक थानों में स्वागत कक्ष पीड़ित लोगों के लिए शुरू भी किए जा चुके हैं. डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव द्वारा अनेक स्वागत कक्षों का उद्घाटन किया गया है. वहीं प्रत्येक थाने में स्वागत कक्ष बनाने का काम तीव्र गति के साथ चल रहा है.
2. हर थाने में सीसीटीवी- गहलोत सरकार ने हर थाने में सीसीटीवी लगाने की घोषणा बजट में की. प्रदेश में विभिन्न जिलों में थानों में कई ऐसे घटनाक्रम घटित हुए जिसने पुलिस की छवि को खराब किया. खाकी पर ही कई सवालिया निशान खड़े हुए. जिसे देखते हुए गहलोत सरकार ने प्रत्येक थाने में सीसीटीवी लगाने की घोषणा की. गहलोत सरकार की इस योजना पर भी तेज गति के साथ काम किया जा रहा है. थानों में सीसीटीवी लगाने के साथ ही उन सीसीटीवी को कंट्रोल रूम और पुलिस मुख्यालय से भी जोड़ा जा रहा है.
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3. नए थानों की घोषणा- राजधानी जयपुर में सांगानेर प्रताप नगर थानों में बढ़ते कार्यभार को देखते हुए गहलोत सरकार ने बजट में राजधानी में 2 नए थाने खोलने की घोषणा की. इसे अमलीजामा पहनाते हुए रामनगरिया और मालपुरा गेट नामक 2 नए थाने शुरू किए गए हैं जिनमें गृह विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद स्टाफ भी तैनात कर दिया गया है.
4. एसओजी में दो विशेष इकाइयों का गठन- प्रदेश में लगातार बढ़ते साइबर क्राइम और प्रॉपर्टी संबंधी धोखाधड़ी के प्रकरणों को देखते हुए गहलोत सरकार द्वारा बजट में एसओजी में दो विशेष इकाइयों का गठन करने की घोषणा की गई. इसे अमलीजामा पहनाते हुए एसओजी में दो विशेष अनुसंधान इकाई गंभीर धोखाधड़ी जांच इकाई और साइबर अपराध जांच इकाई की शुरुआत की गई. जिसे लेकर पुलिसकर्मियों के पद भी सृजित किए गए.
5. जेलों में सुधार के लिए हाई पावर कमेटी का गठन- प्रदेश में जेल के अंदर से शातिर बदमाशों द्वारा गैंग ऑपरेट करने और गैंगवार की साजिश रचने के प्रकरणों को देखते हुए गहलोत सरकार द्वारा बजट में हाई पावर कमेटी का गठन करने की घोषणा की गई. जिसे अमलीजामा पहनाते हुए एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया जो जेलों में सुधार के लिए कार्य कर रही है. प्रदेश की तमाम जेल में लगे मोबाइल जैमर काफी आउटडेटेड हो चुके थे जिन्हें नए सिरे से अपग्रेड करने का काम हाई पावर कमेटी के द्वारा किया जा रहा है. इसके साथ ही अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल को पहले की तुलना में और भी अधिक मजबूत बनाने के लिए हाई पावर कमेटी लगातार होमवर्क कर रही है.
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6. इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम- प्रदेश में घटित हो रहे संगीन अपराधों और मॉब लिंचिंग के प्रकरणों को देखते हुए गहलोत सरकार द्वारा बजट में इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम का गठन करने की घोषणा की गई. घोषणा के बावजूद अब तक इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के गठन का कार्य पूरा नहीं हो सका है. इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी गत दिनों पूर्व नाराजगी जताते हुए जल्द से जल्द काम पूरा कर इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम का गठन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम का गठन होने के बाद कम से कम 15 मिनट में पुलिस को मौका ए वारदात पर पहुंचना होगा. इसके लिए राजस्थान पुलिस को विशेष रूप से डिजाइन किए गए वाहन भी प्रदान किए जाएंगे. राजस्थान पुलिस के कमांडो इस यूनिट का विशेष हिस्सा रहेंगे.