ETV Bharat / state

विधानसभा में आज पेश होगा नया धर्मांतरण बिल, 10 साल तक सजा का प्रावधान, अभिभाषण पर भी शुरू होगी बहस - CONVERSION BILL

प्रश्नकाल के साथ 16वीं विधानसभा का तीसरा सत्र 11 बजे शुरू होगा. इस दौरान नया धर्मांतरण बिल विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा.

CONVERSION BILL
राजस्थान विधानसभा का तीसरा सत्र (ETV Bharat GFX)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 3, 2025, 8:29 AM IST

जयपुर : राजस्थान विधानसभा में आज भजनलाल सरकार नया धर्मांतरण विधेयक 'राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संप्रवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' पेश करेगी. इसके पहले वसुंधरा सरकार के दौरान ऐसा एक बिल आ चुका था. अब राजस्थान में एक बार फिर भाजपा की सरकार है और 16 साल बाद नए सिरे से यह बिल आ रहा है. धर्मांतरण विरोधी बिल को सदन की मेज पर रखा जाएगा. इससे पहले 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार में यह बिल लाया गया था, लेकिन केंद्र में जाकर अटक गया था.

विधानसभा में इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस होगी. विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद भी हो सकता है. इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक अपने विचार व्यक्त करेंगे. सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने तैयारी की है, तो सत्ताधारी भाजपा ने भी जवाब तैयार किए हैं. इसमें खासकर गहलोत सरकार में बने 9 जिलों को निरस्त करने पर बड़ा हंगामा हो सकता है. आज विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल होगा, जिसमें गृह, परिवहन और सड़क सुरक्षा विभाग की कई अधिसूचनाएं टेबल पर रखी जाएंगी. साथ ही रोडवेज को लेकर कैग की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- विधानसभा सत्र :अभिभाषण के दौरान गूंजा आदिवासी क्षेत्र में पानी का मुद्दा, राज्यपाल बोले- उनके हितों की मेरी जिम्मेदारी

धर्मांतरण पर 10 साल तक सजा का प्रावधान : विधानसभा में कानून मंत्री जोगाराम पटेल विधि विरुद्ध धर्म संप्रवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 पेश करेंगे. इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद राज्य में जबरन, बहला-फुसलाकर या लालच देकर धर्मांतरण कराए जाने और लव जिहाद के खिलाफ नया कानून अस्तित्व में आ जाएगा. इस धर्मांतरण संबंधी विधेयक में लव जिहाद और धर्मांतरण पर कठोर सजा का प्रावधान किया गया है. इसलिए अब नए सिरे से यह बिल सदन में लाया जा रहा है. इस कानून के तहत जबरन धर्मांतरण पर तीन से 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा. वहीं, अगर कोई मर्जी से धर्म परिवर्तन कर रहा है, तो 60 दिन पहले कलेक्टर को इसकी सूचना देनी होगी.

गौरतलब है कि झारखंड, कर्नाटक और गुजरात में यह कानून पहले से है. सबसे पहले ओडिशा में साल 1967 में धर्मांतरण कानून लाया गया था. भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भी धर्मांतरण कानून लाया जा चुका है. इसी तरह लव जिहाद यानी कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन कराने के मकसद से विवाह करता है, तो पारिवारिक न्यायालय ऐसे विवाह को निरस्त कर सकता है. यह गैर जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा. 'द राजस्थान प्रोविजन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024' में ये प्रावधान शामिल होंगे.

इसे भी पढ़ें- बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोले डोटासरा, 'गर्वनर से सरकार ने पीठ थपथपवाई, लेकिन मंत्री ने खोल दी पोल'

प्रश्नकाल में हंगामे के आसार : सदन के बाहर जिन मुद्दों को लेकर विपक्ष हमलावर रहा है, उन मुद्दों को आज सदन में उठाया जाएगा. सरकार के एक साल के कार्यकाल में जिलों को समाप्त करने, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा करने, ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, पेपर लीक की घटनाओं पर कार्रवाई और कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने का काम करेगा. ऐसे में विधानसभा में हंगामे के आसार रहेंगे. इसके अलावा विधायकों की ओर से फसल खराबे और किसानों के ऋण माफी जैसे मुद्दों पर सवाल प्रमुख रूप से उठाए जाने की संभावना है. साथ ही बिजली की कमी को देखते हुए उत्पादन का हिसाब भी मांगा जाएगा. प्राकृतिक आपदा, चूरू में किसानों की भूमि की कुर्की और ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू और कृषि कनेक्शनों में हो रही देरी पर भी सरकार को जवाब देना पड़ सकता है.

5 मंत्री 5 रिपोर्ट पेश करेंगे : डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा परिवहन और सड़क सुरक्षा विभाग की अधिसूचनाएं सदन में टेबल करेंगे. साथ ही राजस्थान रोडवेज को लेकर सीएजी की रिपोर्ट भी सदन में रखेंगे. चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर राजस्थान मानवाधिकार आयोग के वार्षिक प्रतिवेदन और ऑडिट रिपोर्ट पेश करेंगे. उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ राजस्थान सर्विसमैन कॉरपोरेशन और सांभर सॉल्ट लिमिटेड की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम लिमिटेड का प्रथम वार्षिक प्रतिवेदन 2022-23 सदन में रखेंगे. सामाजिक अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत आयुक्तालय विशेष योग्यजन राजस्थान का वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन 2023-24 सदन में रखेंगे.

इसे भी पढ़ें- विधानसभा से अपशकुन हुआ दूर! लंबे समय बाद 200 सदस्य रहे मौजूद, स्पीकर बोले- हमने वास्तुविदों से सलाह ली है

किरोड़ीलाल के विभागों की कमान देवासी और विश्नोई को : कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के छुट्टी लेने की जानकारी विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सदन में देंगे. उससे पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने मीणा के विभागों के विधानसभा में समस्त संसदीय कार्य, विधानसभा प्रश्नों, प्रस्तावों के अनुमोदन और उत्तर दिए जाने सहित अन्य संसदीय कार्य संपादित करने के लिए मंत्री ओटाराम देवासी और के. के. विश्नोई को अधिकृत किया है. मुख्यमंत्री के एसीएस शिखर अग्रवाल की ओर से जारी आदेश के अनुसार मंत्री ओटाराम देवासी ग्रामीण विकास विभाग और आपदा प्रबंधन एवं सहायता नागरिक शिक्षा विभाग के सवालों के जवाब देंगे. इसी प्रकार के. के. विश्नोई कृषि उद्यानिकी, जन अभाव अभियोग निराकरण, पंचायती राज के अधिनस्थ कृषि विभाग का स्वतंत्र प्रभार के सवालों के जवाब देंगे.

इन दो बिलों पर रहेगी नजर : राजस्थान विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र के दौरान दो महत्वपूर्ण बिलों का भविष्य तय होगा. इनमें राजस्थान लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान विधेयक है, जिसमें सरकार आपातकाल के जेलों में बंद मीसा बंदियों को सम्मान राशि देती है. इसे कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया था. इसी तरह राजस्थान भूजल प्राधिकरण विधेयक को विवाद के बाद प्रवर समिति को भेज दिया था. इस सत्र में यह बिल भी लाया जाएगा या नहीं, यह देखना महत्वपूर्ण रहेगा.

जयपुर : राजस्थान विधानसभा में आज भजनलाल सरकार नया धर्मांतरण विधेयक 'राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संप्रवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' पेश करेगी. इसके पहले वसुंधरा सरकार के दौरान ऐसा एक बिल आ चुका था. अब राजस्थान में एक बार फिर भाजपा की सरकार है और 16 साल बाद नए सिरे से यह बिल आ रहा है. धर्मांतरण विरोधी बिल को सदन की मेज पर रखा जाएगा. इससे पहले 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार में यह बिल लाया गया था, लेकिन केंद्र में जाकर अटक गया था.

विधानसभा में इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस होगी. विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद भी हो सकता है. इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक अपने विचार व्यक्त करेंगे. सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने तैयारी की है, तो सत्ताधारी भाजपा ने भी जवाब तैयार किए हैं. इसमें खासकर गहलोत सरकार में बने 9 जिलों को निरस्त करने पर बड़ा हंगामा हो सकता है. आज विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल होगा, जिसमें गृह, परिवहन और सड़क सुरक्षा विभाग की कई अधिसूचनाएं टेबल पर रखी जाएंगी. साथ ही रोडवेज को लेकर कैग की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- विधानसभा सत्र :अभिभाषण के दौरान गूंजा आदिवासी क्षेत्र में पानी का मुद्दा, राज्यपाल बोले- उनके हितों की मेरी जिम्मेदारी

धर्मांतरण पर 10 साल तक सजा का प्रावधान : विधानसभा में कानून मंत्री जोगाराम पटेल विधि विरुद्ध धर्म संप्रवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 पेश करेंगे. इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद राज्य में जबरन, बहला-फुसलाकर या लालच देकर धर्मांतरण कराए जाने और लव जिहाद के खिलाफ नया कानून अस्तित्व में आ जाएगा. इस धर्मांतरण संबंधी विधेयक में लव जिहाद और धर्मांतरण पर कठोर सजा का प्रावधान किया गया है. इसलिए अब नए सिरे से यह बिल सदन में लाया जा रहा है. इस कानून के तहत जबरन धर्मांतरण पर तीन से 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा. वहीं, अगर कोई मर्जी से धर्म परिवर्तन कर रहा है, तो 60 दिन पहले कलेक्टर को इसकी सूचना देनी होगी.

गौरतलब है कि झारखंड, कर्नाटक और गुजरात में यह कानून पहले से है. सबसे पहले ओडिशा में साल 1967 में धर्मांतरण कानून लाया गया था. भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भी धर्मांतरण कानून लाया जा चुका है. इसी तरह लव जिहाद यानी कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन कराने के मकसद से विवाह करता है, तो पारिवारिक न्यायालय ऐसे विवाह को निरस्त कर सकता है. यह गैर जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा. 'द राजस्थान प्रोविजन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024' में ये प्रावधान शामिल होंगे.

इसे भी पढ़ें- बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोले डोटासरा, 'गर्वनर से सरकार ने पीठ थपथपवाई, लेकिन मंत्री ने खोल दी पोल'

प्रश्नकाल में हंगामे के आसार : सदन के बाहर जिन मुद्दों को लेकर विपक्ष हमलावर रहा है, उन मुद्दों को आज सदन में उठाया जाएगा. सरकार के एक साल के कार्यकाल में जिलों को समाप्त करने, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा करने, ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, पेपर लीक की घटनाओं पर कार्रवाई और कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने का काम करेगा. ऐसे में विधानसभा में हंगामे के आसार रहेंगे. इसके अलावा विधायकों की ओर से फसल खराबे और किसानों के ऋण माफी जैसे मुद्दों पर सवाल प्रमुख रूप से उठाए जाने की संभावना है. साथ ही बिजली की कमी को देखते हुए उत्पादन का हिसाब भी मांगा जाएगा. प्राकृतिक आपदा, चूरू में किसानों की भूमि की कुर्की और ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू और कृषि कनेक्शनों में हो रही देरी पर भी सरकार को जवाब देना पड़ सकता है.

5 मंत्री 5 रिपोर्ट पेश करेंगे : डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा परिवहन और सड़क सुरक्षा विभाग की अधिसूचनाएं सदन में टेबल करेंगे. साथ ही राजस्थान रोडवेज को लेकर सीएजी की रिपोर्ट भी सदन में रखेंगे. चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर राजस्थान मानवाधिकार आयोग के वार्षिक प्रतिवेदन और ऑडिट रिपोर्ट पेश करेंगे. उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ राजस्थान सर्विसमैन कॉरपोरेशन और सांभर सॉल्ट लिमिटेड की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम लिमिटेड का प्रथम वार्षिक प्रतिवेदन 2022-23 सदन में रखेंगे. सामाजिक अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत आयुक्तालय विशेष योग्यजन राजस्थान का वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन 2023-24 सदन में रखेंगे.

इसे भी पढ़ें- विधानसभा से अपशकुन हुआ दूर! लंबे समय बाद 200 सदस्य रहे मौजूद, स्पीकर बोले- हमने वास्तुविदों से सलाह ली है

किरोड़ीलाल के विभागों की कमान देवासी और विश्नोई को : कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के छुट्टी लेने की जानकारी विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सदन में देंगे. उससे पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने मीणा के विभागों के विधानसभा में समस्त संसदीय कार्य, विधानसभा प्रश्नों, प्रस्तावों के अनुमोदन और उत्तर दिए जाने सहित अन्य संसदीय कार्य संपादित करने के लिए मंत्री ओटाराम देवासी और के. के. विश्नोई को अधिकृत किया है. मुख्यमंत्री के एसीएस शिखर अग्रवाल की ओर से जारी आदेश के अनुसार मंत्री ओटाराम देवासी ग्रामीण विकास विभाग और आपदा प्रबंधन एवं सहायता नागरिक शिक्षा विभाग के सवालों के जवाब देंगे. इसी प्रकार के. के. विश्नोई कृषि उद्यानिकी, जन अभाव अभियोग निराकरण, पंचायती राज के अधिनस्थ कृषि विभाग का स्वतंत्र प्रभार के सवालों के जवाब देंगे.

इन दो बिलों पर रहेगी नजर : राजस्थान विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र के दौरान दो महत्वपूर्ण बिलों का भविष्य तय होगा. इनमें राजस्थान लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान विधेयक है, जिसमें सरकार आपातकाल के जेलों में बंद मीसा बंदियों को सम्मान राशि देती है. इसे कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया था. इसी तरह राजस्थान भूजल प्राधिकरण विधेयक को विवाद के बाद प्रवर समिति को भेज दिया था. इस सत्र में यह बिल भी लाया जाएगा या नहीं, यह देखना महत्वपूर्ण रहेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.