जयपुर. प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर राजस्थान सरकार काफी गंभीर है. यही कारण है कि सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश को ड्रग्स फ्री बनाने के निर्देश पुलिस के आला अधिकारियों को दिए. जिसके बाद राजस्थान पुलिस भी मुख्यमंत्री के दिए निर्देशों की पालना करने में जुट गई और मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त माफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करना शुरू कर दिया.
पुलिस मुख्यालय से एक आदेश जारी कर तमाम जिला एसपी और रेंज आईजी को मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त तस्करों के विरुद्ध बड़े स्तर पर अभियान चलाने के लिए कहा गया. वहीं पुलिस मुख्यालय की सीआईडी क्राइम ब्रांच भी मादक पदार्थों के विरुद्ध लगातार अभियान चलाकर अनेक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने में जुटी हुई है.
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इसके साथ ही सभी जिलों की डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम को भी तस्करों के खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लेने की निर्देश दिए गए हैं. वैश्विक महामारी कोरोना काल में भी तस्करों पर पुलिस ने जमकर नकेल कसने का काम किया. वहीं अब जब स्थितियां सामान्य होने लगी है, तो एक बार फिर से पुलिस ने कार्रवाई पर फोकस करना शुरू किया है.
एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त तस्करों के विरुद्ध प्रदेश में पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई लगातार जारी है. वर्ष 2021 के शुरुआती 6 महीनों में पूरे प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त कुल 2677 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही एनडीपीएस एक्ट के तहत 1613 प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
बात वर्ष 2020 और 2021 के तुलनात्मक अध्ययन की करें तो 2021 में वर्ष 2020 की तुलना में 22.29% अधिक प्रकरण एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में 44.70% अधिक तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. इसी तरह से यदि मादक पदार्थों को सीज करने की बात की जाए तो वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में ब्राउन शुगर 342.06 प्रतिशत अधिक सीज की गई है.
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साथ ही हेरोइन वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में 895.25% अधिक सीज की गई है. इसी प्रकार से वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में स्मैक 75.74 प्रतिशत अधिक सीज की गई है. यदि बात डोडा पोस्त की करें तो वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में डोडा पोस्त 15.57% अधिक सीज की गई है. हालांकि वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में चरस, अफीम और गांजा के सीजर में कमी दर्ज की गई है, जो क्रमशः -57.18%, -8.50% और -32.96 प्रतिशत है.
एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा का कहना है कि वर्ष 2021 के जो 6 महीने बचे हैं, उनमें तमाम जिला पुलिस, एटीएस/एसओजी और सीआईडी क्राइम ब्रांच को मादक पदार्थों के विरुद्ध कार्रवाई को और अधिक बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. मादक पदार्थों की चपेट में ज्यादातर युवा, स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्र शामिल हैं. ऐसे में कार्रवाई के दौरान उन तस्करों पर विशेष फोकस रखा जा रहा है, जो युवा पीढ़ी को नशे के दलदल में धकेल कर उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं.
वहीं 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में चरस, अफीम और गांजा के सीजर में जो कमी दर्ज की गई है, उसे ध्यान में रखते हुए इन मादक पदार्थों के विरुद्ध और सख्ती के साथ अभियान चलाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. हालांकि वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 के शुरुआती छह महीनों में मादक पदार्थों के तस्करों के विरुद्ध राजस्थान पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई का रिपोर्ट कार्ड अब तक अच्छा रहा है. उसे और बेहतर बनाने की दिशा में राजस्थान पुलिस लगातार काम कर रही है.