जयपुर. फार्मासिस्ट भर्ती में आज भी फर्जी डिग्री और डिप्लोमा का खेल जारी है और हाल ही में तकरीबन करीब 54 फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के मामले एक बार फिर राजस्थान फार्मेसी कौंसिल में सामने आए हैं. इसमें खास बात यह है कि सबसे अधिक फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के मामले उत्तर प्रदेश और हरियाणा से देखने को मिले हैं (Rajasthan Pharmacy Council big Claim). इससे पहले पहले भी कई बार फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के मामले सामने आ चुके हैं.
मामले को लेकर राजस्थान फार्मेसी कौंसिल के रजिस्ट्रार नवीन सांघी का कहना है कि पिछले कुछ समय से इस तरह के फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के मामले रोकने के लिए विभाग को डिजिटल करने की कोशिश की जा रही है. उनका कहना है कि राजस्थान से फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के मामले देखने को नहीं मिलते हैं लेकिन अन्य राज्यों से आने वाले डिग्री और डिप्लोमा में फर्जी मामले सामने आते हैं. हाल ही में जब इनकी जांच की गई तो कई डिग्री और डिप्लोमा यहां तक कि डिग्री बांटने वाले कॉलेज तक फर्जी पाए गए.
ऐसे में हाल ही में एक बार फिर 54 नए मामले फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के सामने आए हैं. कौंसिल का यह भी कहना है कि पिछले 6 महीने में तकरीबन फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के 90 से 95 मामले सामने आए हैं और उन्हें अब रिजेक्ट कर दिया गया है (Rajasthan Pharmacist Applicants Fake Degrees). हालांकि फर्जी डिग्री और डिप्लोमा पेश करने वाले अभ्यर्थियों पर अभी भी कोई कानूनी कार्रवाई को लेकर मसौदा तैयार नहीं हो पाया है. सांघी का कहना है कि जल्द ही इसे लेकर एक बैठक आयोजित की जाएगी और उसमे कानूनी कार्रवाई को लेकर रूपरेखा तैयार होगी.
यूपी अव्वल: राजस्थान फार्मेसी कौंसिल से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में जो फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के मामले सामने आए हैं उनमें यूपी अव्वल है और उसके बाद हरियाणा का नंबर आता है. मामले को लेकर कौंसिल के रजिस्ट्रार का कहना है कि राजस्थान में सभी कॉलेज ऑनलाइन जोड़ दिए गए हैं लेकिन अभी भी राजस्थान से बाहर वाले कॉलेज ऑनलाइन विभाग से नहीं जुड़ पाए हैं. ऐसे में आज भी डाक के माध्यम से ही डिग्री या डिप्लोमा का वेरिफिकेशन किया जा रहा है. कई बार डाक से भेजे जाने वाले पत्रों में फेरबदल बाहर के कॉलेज कर देते हैं. जिसके कारण इस तरह के फर्जी डिग्री और डिप्लोमा को पकड़ पाना काफी मुश्किल होता है हालांकि जिन अभ्यर्थियों पर शक होता है उनके डॉक्यूमेंट मेल द्वारा वेरीफाई किए जाते हैं.
रिकॉर्ड हुए फर्जी मामले:
- उत्तर प्रदेश से हाल ही में 23 मामले
- हरियाणा से 20 मामले
- मध्य प्रदेश के 7 मामले
- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और दिल्ली से एक -एक फर्जी डिग्री डिप्लोमा के मामले सामने आ चुके हैं
- इससे पहले लगभग 79 फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के मामले भी आ चुके हैं सामने
फार्मेसी कौसिल ऑफ इंडिया सख्त:
फर्जी डिग्री बांटने वालों और इनका उपयोग करने वालों पर फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने सख्त रुख अपना लिया है. जिसके तहत अब फर्जी डिग्री बांटना और इनका उपयोग करने वालों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएंगे. कौंसिल ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि भर्तियों के दौरान यदि कोई विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री या डिप्लोमा जारी करता है तो उन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएंगे. इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा का कहना है कि फर्जी डिप्लोमा और डिग्री देने वाले विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई को लेकर हम लगातार आंदोलन कर रहे हैं स्थिति यह है कि देश भर में चंद रुपए देकर फार्मेसी की डिग्री प्राप्त की जा रही है.