जयपुर. अन्नदाता के बेहतर भविष्य और उनके हितों के संरक्षण के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार साल 2022-23 के राज्य बजट से कृषि बजट अलग से प्रारम्भ करेंगी, जिसमें कृषि और संबंधित क्षेत्रों की गतिविधियों के साथ कृषकों के कल्याण से संबंधित व्यय को संकलित कर प्रदर्शित किया जायेगा. संबंधित विभागों जैसे कृषि विपणन, उद्यानिकी, पशुपालन, जल संसाधन, गोपालन, डेयरी, मत्स्य और सहकारिता आदि की समस्त गतिविधियां कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों से संबंधित हैं. उनके समस्त व्यय (योजनागत और प्रतिबद्ध) को कृषि बजट में सम्मिलित किया जाएगा.
इसके अतिरिक्त अन्य विभागों की ओर से भी किसानों के कल्याण और कृषि के साथ संबद्ध गतिविधियों के लिए व्यय किया जाता है. जिसमें ऊर्जा विभाग की ओर से विद्युत दरें नहीं बढ़ाने के लिए अनुदान पूर्णतया किसानों के कल्याण से संबंधित है. ऐसे विभागों की ओर से कृषि और सम्बद्ध गतिविधियों के साथ कृषकों के कल्याण से संबंधित व्यय को चिह्नित कर इसकी सूचना कृषि बजट में प्रदर्शित कराई जाएगी.
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बता दें, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 24 फरवरी 2021 को विधानसभा में बजट पेश करते हुए अलग से कृषि बजट पेश करने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री ने यह घोषणा तब की थी जब कृषि कानूनों के विरोध में कई किसान संगठन दिल्ली में धरने पर बैठे थे. कई किसान संगठन सरकार से अलग कृषि बजट की मांग करते रहे हैं.
बजट अनुमान वर्ष 2022-23 की बी.एफ.सी ने मांगी सूचना
कृषि बजट के लिए नोडल विभाग कृषि विभाग होगा. यह विभाग संबंधित विभागों की कार्य योजना निर्धारण का करेगा. इसी क्रम में वित्त विभाग की ओर से अलग से दिशानिर्देश जारी किये जायेंगे. नोडल विभाग की ओर से इन दिशा निर्देशों के तहत कृषि बजट तैयार करने की कार्यवाही सुनिश्चित होगी.