जयपुर. राजधानी के आमेर थाना इलाके में एक व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दिल्ली पुस्तकालय विभाग में सरकारी नौकरी हासिल कर ली (Fake Documents For Government Job). ताज्जुब की बात है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर व्यक्ति 2008 से नौकरी कर रहा है.आरटीआई के तहत मांगी गई दस्तावेजों की जानकारी के बाद उसके तमाम दस्तावेज फर्जी होने का खुलासा हुआ.
जालसाजी के खुलासे को लेकर सोमवार देर रात बांस की ढाणी निवासी हेमराज मीणा ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है (Jaipur Man Secure Fake Documents for job). प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी जगदीश नारायण ने बताया कि परिवादी के गांव का निवासी बद्री प्रसाद मीणा वर्ष 2008 में दिल्ली पुस्तकालय विभाग में लाइब्रेरियन के पद पर भर्ती हुआ था. उस दौरान उसने जितने भी दस्तावेज नौकरी ज्वाइन करने के लिए पेश किए वह तमाम दस्तावेज फर्जी हैं.
दसवीं की मार्कशीट रोल नंबर किसी और का: परिवादी ने जब आरटीआई के तहत बद्री प्रसाद मीणा के दस्तावेजों की जानकारी मांगी और उन दस्तावेजों को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से वेरीफाई करवाया तब जाकर सभी दस्तावेजों के फर्जी होने का खुलासा हुआ. जांच में पता चला कि बद्री प्रसाद मीणा ने दिल्ली पुस्तकालय विभाग में अपनी दसवीं की जो मार्कशीट पेश की है मीणा की है. मार्कशीट में जो रोल नंबर अंकित है उस रोल नंबर पर बद्री प्रसाद मीणा नामक कोई भी व्यक्ति माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में रजिस्टर्ड नहीं है.
इसके साथ ही 12वीं की जो मार्कशीट बद्री प्रसाद मीणा ने पेश की है वह भी इसी तरह से फर्जी पाई गई है. इसके साथ ही यह बात भी सामने आई है कि नकली दस्तावेजों के आधार पर बद्री प्रसाद मीणा ने कोटपूतली स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में प्रवेश लेकर पढ़ाई भी की. इन तमाम तथ्यों के सामने आने के बाद जब परिवादी ने आमेर थाने पहुंचकर बद्री प्रसाद मीणा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की तो पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया. इसके बाद परिवादी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट की दखलंदाजी के बाद थाने में बद्री प्रसाद मीणा के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू किया है और दस्तावेजों की जांच की जा रही है.