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राजस्थान विधानसभाः बिजली की नई दरों पर बीडी कल्ला ने रखा अपना पक्ष, भाजपा नेताओं ने लगाई सवालों की झड़ी - jaipur news

राजस्थान विधानसभा में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने बिजली की नई दरों को लेकर सरकार का पक्ष सदन में रखा और कहा कि बढ़ोतरी के बाद भी अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में बिजली की दरें कम हैं. इस पर भाजपा विधायकों ने उनपर जमकर हमला बोला.

जयपुर न्यूज, jaipur news
बिजली की बढ़ी दरों पर ऊर्जा मंत्री का सदन में वक्तव्य
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Published : Feb 10, 2020, 11:17 PM IST

Updated : Feb 11, 2020, 7:55 AM IST

जयपुर. प्रदेश में बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी को लेकर विधानसभा में ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला का वक्तव्य सामने आया है. सदन में ऊर्जा मंत्री ने विद्युत विनियामक आयोग द्वारा बिजली की नई दरों को लेकर सरकार का पक्ष सदन में रखा और कहा कि बढ़ोतरी के बाद भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में बिजली की दरें कम हैं.

वहीं इस दौरान भाजपा विधायकों ने ताबड़तोड़ सवालों की झड़ी लगा दी, जिस पर स्पीकर ने बिजली पर चर्चा समाप्त कर दी. ऐसे में नाराज भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

बिजली की बढ़ी दरों पर ऊर्जा मंत्री का सदन में वक्तव्य

पिछली सरकार में भी था घाटा

दरअसल, ऊर्जा मंत्री ने सदन में कहा कि पिछली सरकार के समय ही डिस्कॉम पर बहुत घाटा था और ऐसा नहीं है कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में बिजली की दरें ना बढ़ी हो, लेकिन हमारी सरकार ने प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं के साथ ही करीब 57 प्रतिशत बिजली उपभोक्ताओं को इस बढ़ोतरी से दूर रखा है.

ये पढ़ेंः पंकज सुथार हत्या मामले में विधानसभा में हंगामा, वेल में धरने पर बैठे विधायक संयम लोढ़ा

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो फ्यूल चार्ज वसूल किया जा रहा है वह गुजरात की तुलना में कम है. वहीं ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में चीजें किधर इस वित्तीय वर्ष में कम करके करीब 18 फीसदी पर लाना है वहीं अगले वित्तीय वर्ष तक इसे घटाकर 15 फीसदी तक ले कर जाने का लक्ष्य है.

भाजपा नेताओं का पलटवार

इस पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने सवाल किया कि कुछ माह पहले 55 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल चार्ज किसकेआदेश से वसूल किया गया था और क्या 5 पैसे प्रति यूनिट उपभोक्ताओं पर फिर से भार डाला गया है. विधायक वासुदेव देवनानी ने सदन में प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि इस बढ़ोतरी में शहरी उपभोक्ताओं पर अत्याधिक भार डाला गया है.

ये पढ़ेंः अनुदान के पैसे से छात्र ड्रेस नहीं खरीदते थे, इसलिए ड्रेस के पैसे की जगह ड्रेस दे रहे : परसादी लाल मीणा

उन्होंने कहा कि छीजत डिस्कॉम और इंजीनियरों की नाकामी के कारण बढ़ रही है लेकिन, उसका भुगतान आम उपभोक्ताओं को करना पड़ रहा है. वहीं भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा प्रदेश में राजसमंद जिले में छीजत 5 फीसदी है लेकिन, कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां 30 से 35 फीसदी तक छीजत है. इसने जिलों में छत कम है. वहां बिजली की दरों में रियायत मिलना चाहिए.

वहीं माकपा विधायक बलवान पूनिया ने भी बढ़ी हुई दरों का विरोध किया और कहा ग्रामीण इलाके के उपभोक्ताओं पर भी सरकार ने अत्याधिक बाहर डाल दिया, जबकि गांव में तो प्रदेश सरकार के ही वोटर हैं.

राजे आई नहीं और कटारिया की तबीयत हो गई खराब-

सदन में जब सरकार की ओर से बिजली की बढ़ी हुई दरें और टिड्डी दल से हुए किसानों को नुकसान के मामले में अपना वक्तव्य दिया जा रहा था. उस दौरान सदन में ना तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया थे और ना ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे.

पढ़ेंः वसुंधरा राजे के कार्यकाल में निर्णयों की समीक्षा पर सियासत तेज, पूनिया के आरोप और कल्ला का स्पष्टिकरण

दरअसल, वसुंधरा राजे तो सोमवार को विधानसभा में आई ही नहीं. वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया विधानसभा आए तो सही लेकिन, प्रश्नकाल के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई, जिसके चलते वो चले गए. बताया जा रहा है कि गुलाब चंद कटारिया को उल्टी और दस्त की शिकायत है.

जयपुर. प्रदेश में बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी को लेकर विधानसभा में ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला का वक्तव्य सामने आया है. सदन में ऊर्जा मंत्री ने विद्युत विनियामक आयोग द्वारा बिजली की नई दरों को लेकर सरकार का पक्ष सदन में रखा और कहा कि बढ़ोतरी के बाद भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में बिजली की दरें कम हैं.

वहीं इस दौरान भाजपा विधायकों ने ताबड़तोड़ सवालों की झड़ी लगा दी, जिस पर स्पीकर ने बिजली पर चर्चा समाप्त कर दी. ऐसे में नाराज भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

बिजली की बढ़ी दरों पर ऊर्जा मंत्री का सदन में वक्तव्य

पिछली सरकार में भी था घाटा

दरअसल, ऊर्जा मंत्री ने सदन में कहा कि पिछली सरकार के समय ही डिस्कॉम पर बहुत घाटा था और ऐसा नहीं है कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में बिजली की दरें ना बढ़ी हो, लेकिन हमारी सरकार ने प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं के साथ ही करीब 57 प्रतिशत बिजली उपभोक्ताओं को इस बढ़ोतरी से दूर रखा है.

ये पढ़ेंः पंकज सुथार हत्या मामले में विधानसभा में हंगामा, वेल में धरने पर बैठे विधायक संयम लोढ़ा

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो फ्यूल चार्ज वसूल किया जा रहा है वह गुजरात की तुलना में कम है. वहीं ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में चीजें किधर इस वित्तीय वर्ष में कम करके करीब 18 फीसदी पर लाना है वहीं अगले वित्तीय वर्ष तक इसे घटाकर 15 फीसदी तक ले कर जाने का लक्ष्य है.

भाजपा नेताओं का पलटवार

इस पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने सवाल किया कि कुछ माह पहले 55 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल चार्ज किसकेआदेश से वसूल किया गया था और क्या 5 पैसे प्रति यूनिट उपभोक्ताओं पर फिर से भार डाला गया है. विधायक वासुदेव देवनानी ने सदन में प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि इस बढ़ोतरी में शहरी उपभोक्ताओं पर अत्याधिक भार डाला गया है.

ये पढ़ेंः अनुदान के पैसे से छात्र ड्रेस नहीं खरीदते थे, इसलिए ड्रेस के पैसे की जगह ड्रेस दे रहे : परसादी लाल मीणा

उन्होंने कहा कि छीजत डिस्कॉम और इंजीनियरों की नाकामी के कारण बढ़ रही है लेकिन, उसका भुगतान आम उपभोक्ताओं को करना पड़ रहा है. वहीं भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा प्रदेश में राजसमंद जिले में छीजत 5 फीसदी है लेकिन, कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां 30 से 35 फीसदी तक छीजत है. इसने जिलों में छत कम है. वहां बिजली की दरों में रियायत मिलना चाहिए.

वहीं माकपा विधायक बलवान पूनिया ने भी बढ़ी हुई दरों का विरोध किया और कहा ग्रामीण इलाके के उपभोक्ताओं पर भी सरकार ने अत्याधिक बाहर डाल दिया, जबकि गांव में तो प्रदेश सरकार के ही वोटर हैं.

राजे आई नहीं और कटारिया की तबीयत हो गई खराब-

सदन में जब सरकार की ओर से बिजली की बढ़ी हुई दरें और टिड्डी दल से हुए किसानों को नुकसान के मामले में अपना वक्तव्य दिया जा रहा था. उस दौरान सदन में ना तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया थे और ना ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे.

पढ़ेंः वसुंधरा राजे के कार्यकाल में निर्णयों की समीक्षा पर सियासत तेज, पूनिया के आरोप और कल्ला का स्पष्टिकरण

दरअसल, वसुंधरा राजे तो सोमवार को विधानसभा में आई ही नहीं. वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया विधानसभा आए तो सही लेकिन, प्रश्नकाल के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई, जिसके चलते वो चले गए. बताया जा रहा है कि गुलाब चंद कटारिया को उल्टी और दस्त की शिकायत है.

Intro:बिजली की बढ़ी दरों पर ऊर्जा मंत्री का सदन में वक्तव्य, भाजपा ने उठाए कई सवाल,किया सदन से वाकआउट

जयपुर (इंट्रो)
प्रदेश में बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी को लेकर विधानसभा में ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला का वक्तव्य भी सामने आया। सदन में ऊर्जा मंत्री ने विद्युत विनियामक आयोग द्वारा बिजली की नई दरों को लेकर सरकार का पक्ष सदन में रखा और यह भी कहा कि बढ़ोतरी के बाद भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में बिजली की दरें कम है। वही इस दौरान भाजपा विधायकों ने ताबड़तोड़ सवालों की झड़ी लगा दी जिस पर स्पीकर ने बिजली पर चर्चा समाप्त कर दी ऐसे में नाराज भाजपा विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया।

दरअसल ऊर्जा मंत्री ने सदन में कहा कि पिछली सरकार के समय ही डिस्कॉम पर बहुत घाटा था और ऐसा नहीं है कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में बिजली की दरें ना बड़ी हो लेकिन हमारी सरकार ने प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं के साथ ही करीब 57 प्रतिशत बिजली उपभोक्ताओं को इस बढ़ोतरी से दूर रखा है। प्रदेश में जो फ्यूल चार्ज वसूल किया जा रहा है वह गुजरात की तुलना में कम है। वही ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में चीजें किधर इस वित्तीय वर्ष में कम करके करीब 18% पर लाना है वहीं अगले वित्तीय वर्ष तक इसे घटाकर 15% तक ले कर जाने का लक्ष्य है।

इस पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने सवाल किया की कुछ माह पहले 55 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल चार्ज किसके आदेश से वसूल किया गया था और क्या 5 पैसे प्रति यूनिट उपभोक्ताओं पर फिर से भार डाला गया है। विधायक वासुदेव देवनानी ने सदन में प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया इस बढ़ोतरी में शहरी उपभोक्ताओं पर अत्याधिक भार डाला गया है। उन्होंने कहा कि छीजत डिस्कॉम और इंजीनियरों की नाकामी के कारण बढ़ रही है लेकिन उसका भुगतान आम उपभोक्ताओं को करना पड़ रहा है। वहीं भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा प्रदेश में राजसमंद जिले में छीजत 5% है लेकिन कुछ जिले ऐसे भी है जहां 30 से 35% तक छीजत है। इसने जिलों में छत कम है वहां बिजली की दरों में रियायत मिलना चाहिए। वही माकपा विधायक बलवान पूनिया जी भी बढ़ी हुई दरों का विरोध किया और कहा ग्रामीण इलाके के उपभोक्ताओं पर भी सरकार ने अत्याधिक बाहर डाल दिया जबकि गांव में तो प्रदेश सरकार के ही वोटर है।

राजे आई नहीं और कटारिया की तबीयत हो गई खराब-

सदन में जब सरकार की ओर से बिजली की बढ़ी हुई दरें और टिड्डी दल से हुए किसानों को नुकसान के मामले में अपना वक्तव्य दिया जा रहा था उस दौरान सदन में ना तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया थे और ना ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे। दरअसल वसुंधरा राजे तो सोमवार को विधानसभा में आई ही नहीं । वही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया विधानसभा आए तो सही लेकिन प्रश्नकाल के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई जिसके चलते हुए चले गए। बताया जा रहा है गुलाब चंद कटारिया को उल्टी और दस्त की शिकायत है।


बाईट- डॉक्टर बी डी कल्ला ,ऊर्जा मंत्री
बाइट- राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष
बाईट- किरण माहेश्वरी,भाजपा विधायक

(Edited vo pkg)


Body:बाईट- डॉक्टर बी डी कल्ला ,ऊर्जा मंत्री
बाइट- राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष
बाईट- किरण माहेश्वरी,भाजपा विधायक

(Edited vo pkg)


Conclusion:
Last Updated : Feb 11, 2020, 7:55 AM IST
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