दिल्ली/जयपुर. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान में पोटाश खनन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत में कुल 22 हजार 508 मिलियन टन पोटाश के भंडार हैं. भारतीय खान ब्यूरो के अनुसार 91 फीसदी पोटाश के भंडार राजस्थान में बताए गए हैं. कुछ मात्रा में करौली और सवाई माधोपुर में उत्पादन हो रहा है. खान विभाग जीएसआई के माध्यम से इन सभी के भंडारों के दोहन करने की तैयारी में है. यदि इन सभी पोटाश खनन के उत्पादन शुरू हो जाए तो भारत अपनी आपूर्ति के साथ ही विदेशों में भी इसको एक्सपोर्ट कर सकेगा. भारत को 70 फीसदी पोटाश दूसरे देशों से इंपोर्ट करना पड़ रहा है. राजस्थान पोटाश के उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकता है.
केंद्र सरकार दे अनुमति : मीणा ने कहा कि जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वे के अनुसार राजस्थान में पोटाश के भंडार का पता लगा है. प्रदेश में 2400 मिलियन टन पोटाश के भंडार अकेले बीकानेर और हनुमानगढ़ में मिले. राजस्थान सरकार के खनन विभाग ने खानों की नीलामी के लिए केंद्र सरकार को बिक्री की दरें और रॉयल्टी तय करने के लिए पत्र लिखा है. मीणा ने कहा कि इन खानों की नीलामी होते ही पोटाश की देश में इंपोर्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. केंद्र सरकार को चाहिए कि जब खनन के लिए राज्य सरकार ने पत्र लिखा है तो उसे सहमति जल्द दे.
पोटाश उत्पादन करने वाले पांच देशों में होंगे शामिल : किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान में जैसे ही पोटाश का खनन (Rajasthan Mining Policy) शुरू हो जाएगा, उसके बाद भारत दुनिया में पोटाश सर्वाधिक उत्पन्न करने वाला पांचवा देश बन जाएगा. वर्तमान में सर्वाधिक उत्पादन वाले देशों में कनाडा 31 फीसदी, रसिया का 19 फीसदी, बेलारूस 18 फीसदी और चीन में 11 फीसदी की हिस्सेदारी है. राजस्थान को पोटाश उत्पादन अनुमति मिलने के बाद भारत की 3 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी हो जाएगी.
राजस्थान में इन जिलों में है पोटाश : राजस्थान के बीकानेर जिले में पोटाश के पर्याप्त भंडार मिले हैं. प्रदेश सरकार ने पिछले 7 वर्षों से पोटाश भंडारों की खोज की जा रही थी. वर्ष 2013 से प्रदेश के 6 जिलों में खोज शुरू हुई थी. इनमें बीकानेर, श्रीगंगानगर, चुरू, सिरोही और बांसवाड़ा शामिल है. बीकानेर में 600 मीटर गहराई तक पोटाश की खोज (Kirodi Lal Meena in Rajya Sabha) की गई और सफलता भी मिली. हालांकि, अन्य जिलों में राज्य के खान विभाग को पोटाश खोजने में सफलता नहीं मिल सकी है, लेकिन पोटाश की खोज लगातार जारी है.
एक साल पहले हुआ एमओयू : राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में करीब 46 साल पहले शुरू हुई पोटाश की खोज और कड़ी मेहनत का जल्द ही सुखद (Status of Potash Mining in Rajasthan) परिणाम मिलने वाला है. प्रदेश में मिले पोटाश के विशाल भंडार की खोज के बाद करीब एक साल पहले राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने पोटाश खनन के लिए आरएसएमएमएल और एमईसीएल के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया थे. पोटाश खनन में राजस्थान इतिहास रचने की तैयारी में है. बस इंतजार है कि केंद्र सरकार बिक्री की दरें और रॉयल्टी तय कर दे.
नीरज डांगी ने क्या कहा ? वहीं, आज राज्यसभा में सांसद नीरज डांगी ने ग्रमीण क्षेत्रों से आनेवाले युवाओं के भविष्य को लेकर सवाल किया. उन्होंने कहा कि लाखों युवा जो ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं और अपना भविष्य (MP Neeraj Dangi on Village Youth Future) खेलों में ढूंढते हैं. ऐसे में क्या इन युवाओं का ओलंपिक में सेलेक्शन नहीं होने का कोई ब्योरा है ? अगर हां तो इस संबंध में इन युवाओं में ओलंपिक स्तर पर पाई गई कमियों को दूर करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.