जयपुर. राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के अधिकतर पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए जाने पर नाराजगी जताई है. साथ ही पूर्व में आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देकर मुख्य सचिव और गृह विभाग से 24 जनवरी तक जानकारी मांगी है. आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्देश की पालना हुई या नहीं और कोर्ट के निर्णय की पालना (Supreme court direction on CCTV in Police stations) में हर जिले में मानव अधिकार न्यायालय काम कर रहे हैं या नहीं इसकी भी जानकारी मांगी है. जोधपुर के एक एक्टिविस्ट की ओर से दायर परिवार पर आयोग ने ये निर्देश दिए.
आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास और सदस्य महेश गोयल की खंडपीठ में अपने निर्देश में लिखा कि आयोग ने पिछले कई माह से प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों का निरीक्षण किया जिसमें पाया कि अधिकतर पुलिस थानों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष अनुमति याचिका जिसकी संख्या 3543/2020, परमजीत सिंह सैनी बनाम बलजीत सिंह और अन्य मामले में जो निर्देश दिए गए थे, उसकी पालना नहीं हो रही. यह निर्देश 2 दिसंबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट में दिए थे, जिसमें पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की पालना की जानी थी.
राज्य मानव अधिकार आयोग ने अपने आदेश में यह भी लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को देखने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि कोर्ट ने राज्य के हर पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए हैं. राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग को भी अधिकार दिया है कि जब भी किसी पुलिस थाने में अत्याचार और हिरासत में मृत्यु के मामले की शिकायत का निस्तारण किया जाना हो तो उस पुलिस थाने से कैमरे का फुटेज मंगवा कर उसका अवलोकन किया जाए.
आयोग ने इस बात को लेकर भी चिंता जताई कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश 2 दिसंबर, 2020 को जारी हुआ लेकिन अधिकतर पुलिस थानों में राज्य मानव अधिकार आयोग द्वारा निरीक्षण के दौरान सीसीटीवी कैमरे लगे हुए नहीं पाए गए.