जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पीपीपी मोड के आधार पर संचालित झुंझुनू की विभिन्न पीएचसी में लगे एएनएम, लैब टेक्निशियन, जीएनएम, फार्मासिस्ट, कम्प्यूटर ऑपरेटर और वार्ड बॉय सहित मेडिकल ऑफिसर को हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य सचिव, एनएचएम मिशन निदेशक और झुंझुनू सीएमएचओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
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न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश कमलेश सैनी व अन्य की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पीपीपी मोड पर चल रही झुंझुनू की विभिन्न पीएचसी में प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिये संविदा पर काम कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान उनका काम काफी अच्छा रहा है और उनके खिलाफ कोई शिकायत भी नहीं है.
वहीं संबंधित प्लेसमेंट एजेन्सी का अनुबंध पूरा होने के कारण याचिकाकर्ताओं की सेवा भी समाप्त की जा रही हैं. याचिका में कहा गया कि संविदाकर्मी को हटाकर उसके स्थान पर दूसरे संविदाकर्मी की नियुक्ति नहीं की जा सकती है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.