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राजस्थान हाईकोर्ट: नई नगर पालिकाएं गठित करने की अधिसूचना पर रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने नई नगर पालिकाओं के गठन को लेकर स्वायत शासन विभाग की ओर से गत 19 जून, 22 जुलाई और 31 अगस्त को जारी अधिसूचना पर रोक लगा दी है.

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Published : Oct 9, 2020, 7:25 PM IST

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राजस्थान हाईकोर्ट लेटेस्ट न्यूज

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नई नगर पालिकाओं के गठन को लेकर स्वायत शासन विभाग की ओर से गत 19 जून, 22 जुलाई और 31 अगस्त को जारी अधिसूचना पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता और न्यायाधीश महेंद्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश ग्राम पंचायत पावटा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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याचिकाओं में कहा गया कि राज्य सरकार ने गत जनवरी माह में पावटा ग्राम पंचायत सहित अन्य ग्राम पंचायतों में चुनाव कराए थे. संविधान के अनुच्छेद 243 E में पंचायत का कार्यकाल 5 साल निर्धारित है. वहीं, स्वायत शासन विभाग ने गत 19 जून और उसके बाद अधिसूचना जारी कर कुछ ग्राम पंचायतों को शामिल करते हुए चतुर्थ श्रेणी की नई नगरपालिकाएं घोषित कर दी.

इसके अलावा नगरपालिका घोषित करने से पहले राज्यपाल को अनुच्छेद 243 Q के तहत अधिसूचना जारी करनी पड़ती है. इस सूचना के बाद ही विभाग अपने स्तर पर अधिसूचना जारी कर नगर पालिका का गठन करते हैं, लेकिन प्रकरण में राज्यपाल की ओर से कोई अधिसूचना जारी ही नहीं गई. बल्कि विभाग ने अपने स्तर पर ही अधिसूचना जारी कर नई नगरपालिकाएं गठित कर दी. ऐसे में विभाग की अधिसूचना को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने विभाग की अधिसूचना पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नई नगर पालिकाओं के गठन को लेकर स्वायत शासन विभाग की ओर से गत 19 जून, 22 जुलाई और 31 अगस्त को जारी अधिसूचना पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता और न्यायाधीश महेंद्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश ग्राम पंचायत पावटा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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याचिकाओं में कहा गया कि राज्य सरकार ने गत जनवरी माह में पावटा ग्राम पंचायत सहित अन्य ग्राम पंचायतों में चुनाव कराए थे. संविधान के अनुच्छेद 243 E में पंचायत का कार्यकाल 5 साल निर्धारित है. वहीं, स्वायत शासन विभाग ने गत 19 जून और उसके बाद अधिसूचना जारी कर कुछ ग्राम पंचायतों को शामिल करते हुए चतुर्थ श्रेणी की नई नगरपालिकाएं घोषित कर दी.

इसके अलावा नगरपालिका घोषित करने से पहले राज्यपाल को अनुच्छेद 243 Q के तहत अधिसूचना जारी करनी पड़ती है. इस सूचना के बाद ही विभाग अपने स्तर पर अधिसूचना जारी कर नगर पालिका का गठन करते हैं, लेकिन प्रकरण में राज्यपाल की ओर से कोई अधिसूचना जारी ही नहीं गई. बल्कि विभाग ने अपने स्तर पर ही अधिसूचना जारी कर नई नगरपालिकाएं गठित कर दी. ऐसे में विभाग की अधिसूचना को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने विभाग की अधिसूचना पर रोक लगा दी है.

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