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राजस्थान हाईकोर्ट: जूनियर पदक विजेता भी आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के हकदार

राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि वर्ल्ड चैम्पियनशिप के जूनियर पदक विजेता भी सरकरी सेवाओं में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के हकदार हैं. इसके साथ ही अदालत ने वर्ष 2018 में शूटिंग की वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता को समस्त परिलाभों के साथ ए कैटेगिरी में नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

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राजस्थान हाईकोर्ट: जूनियर पदक विजेता भी आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के हकदार
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Published : Mar 18, 2021, 10:19 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि वर्ल्ड चैम्पियनशिप के जूनियर पदक विजेता भी सरकरी सेवाओं में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के हकदार हैं. इसके साथ ही अदालत ने वर्ष 2018 में शूटिंग की वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता को समस्त परिलाभों के साथ ए कैटेगिरी में नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. अदालत ने इस संबंध में कमेटी को एक सप्ताह में बैठक कर निर्णय करने को कहा है.

पढ़ें: अशोक गहलोत ने राज्यों को 50% आरक्षण की सीमा से छूट देने की वकालत की

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मानिनि कौशिक व अन्य की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार की ओर से खिलाडियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्तियां देने के लिए वर्ष 2017 में नियम बनाए गए थे. इसके तहत पदक के स्तर के आधार पर सरकारी सेवा के पदों पर नियुक्तियां देने का प्रावधान किया गया. याचिकाकर्ता ने वर्ष 2018 में शूटिंग की वर्ल्ड चैम्पियनशिप के जूनियर इंवेट में वल्र्ड रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था. वहीं राज्य सरकार ने उसे जूनियर चैम्पियनशिप का हवाला देते हुए नियुक्ति देने से इनकार कर दिया.

याचिका में कहा गया कि दोनों वर्गों के लिए अलग-अलग चैम्पियनशिप ना होकर अलग इवेंट हुआ था. जिसमें समान स्तर पर प्रतियोगिता हुई थी. इसके साथ ही सीनियर और जूनियर इंवेट के पदकों की एक सारिणी में ही गणना की गई थी. वहीं नियुक्ति के नियमों में भी सीनियर और जूनियर का भेद नहीं किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को कैटेगिरी ए के तहत नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि वर्ल्ड चैम्पियनशिप के जूनियर पदक विजेता भी सरकरी सेवाओं में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के हकदार हैं. इसके साथ ही अदालत ने वर्ष 2018 में शूटिंग की वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता को समस्त परिलाभों के साथ ए कैटेगिरी में नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. अदालत ने इस संबंध में कमेटी को एक सप्ताह में बैठक कर निर्णय करने को कहा है.

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न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मानिनि कौशिक व अन्य की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार की ओर से खिलाडियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्तियां देने के लिए वर्ष 2017 में नियम बनाए गए थे. इसके तहत पदक के स्तर के आधार पर सरकारी सेवा के पदों पर नियुक्तियां देने का प्रावधान किया गया. याचिकाकर्ता ने वर्ष 2018 में शूटिंग की वर्ल्ड चैम्पियनशिप के जूनियर इंवेट में वल्र्ड रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था. वहीं राज्य सरकार ने उसे जूनियर चैम्पियनशिप का हवाला देते हुए नियुक्ति देने से इनकार कर दिया.

याचिका में कहा गया कि दोनों वर्गों के लिए अलग-अलग चैम्पियनशिप ना होकर अलग इवेंट हुआ था. जिसमें समान स्तर पर प्रतियोगिता हुई थी. इसके साथ ही सीनियर और जूनियर इंवेट के पदकों की एक सारिणी में ही गणना की गई थी. वहीं नियुक्ति के नियमों में भी सीनियर और जूनियर का भेद नहीं किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को कैटेगिरी ए के तहत नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

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