जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएस (RAS) भर्ती 2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने पर लगी रोक को हटा दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर याचिकाओं को सारहीन मानते हुए निस्तारित कर दिया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश भाग्यश्री और सुरज्ञान सहित अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी और आरपीएससी की ओर से अधिवक्ता एमएफ बेग ने कहा, पूर्व में आरएएस भर्ती के नियम 15 के तहत विज्ञापित पदों के 15 गुना अभ्यर्थियों को वर्गवार मुख्य परीक्षा में बुलाया जाता था. वहीं, अब राज्य सरकार ने नियम में संशोधन कर मैरिट के आधार पर 15 गुना अभ्यर्थियों को बुलाने का प्रावधान किया है. इसमें यदि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार कम आते हैं तो उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के लिए नियम में ढील दी जा सकेगी.
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राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि संशोधन नियम को वर्ष 2013 से लागू किया गया है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं का विवाद तय हो गया है. इसलिए परिणाम जारी करने पर लगी रोक को हटाया जाए.
गौरतलब है कि आरएएस और अधीनस्थ सेवा के एक हजार से अधिक पदों के लिए आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य वर्ग की कटऑफ करीब 76 और ओबीसी की कटऑफ करीब 99 रही थी. आयोग ने सामान्य वर्ग से अधिक, लेकिन ओबीसी कट ऑफ से कम अंक लाने वाले कई ओबीसी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किया था, जिसे चुनौती देने पर हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर, 2018 को याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा में शामिल करते हुए परीक्षा का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी.