ETV Bharat / city

Rajasthan Highcourt: व्यर्थ की जनहित याचिका को खारिज कर लगाया याचिकाकर्ता पर हर्जाना - Rajasthah hindi news

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने याचिकाकर्ता पर व्यर्थ की जनहित याचिका दायर करने को लेकर नाराजगी जताते हुए इसकी अपील को खारिज कर दिया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर हर्जाना भी लगाया.

Rajasthan Highcourt Reject the PIL
व्यर्थ की जनहित याचिका की खारिज
author img

By

Published : Jul 9, 2022, 4:58 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने व्यर्थ की जनहित याचिका दायर करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर दो हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश भगवान सिंह जाट की जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा गया कि संबंधित जमीन पर पहले याचिकाकर्ता का कब्जा था और उसे बाद में वहां से हटाया गया था.

इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपना कब्जे हटाने को लेकर की गई कार्रवाई को चुनौती दी थी, लेकिन उसे राहत नहीं मिली. अब इस जमीन को किसी अन्य को आवंटित किया गया तो उसने जनहित याचिका पेश कर दी. जनहित याचिका में कहा गया कि करौली की हिंडौन तहसील के ढिंढोरा गांव की चारागाह भूमि को स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए आवंटित किया गया है. जबकि नियमानुसार चारागाह भूमि आवंटित करने पर उतनी ही दूसरी भूमि को चारागाह भूमि के तौर पर दर्ज किया जाता है.

पढ़ें. Rajasthan Highcourt: आरपीएससी सचिव पेश होकर बताएं, क्यों नहीं की अदालती आदेश की पालना...

इस मामले में कलेक्टर ने दूसरी भूमि को चारागाह भूमि के रूप में दर्ज नहीं किया. ऐसे में भूमि आवंटन को रद्द किया जाए. वहीं सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि कलेक्टर ने दूसरी भूमि को चारागाह भूमि के तौर पर दर्ज कर लिया है। इस पर अदालत ने याचिका खारिज कर याचिकाकर्ता पर हर्जाना लगाया है।

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने व्यर्थ की जनहित याचिका दायर करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर दो हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश भगवान सिंह जाट की जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा गया कि संबंधित जमीन पर पहले याचिकाकर्ता का कब्जा था और उसे बाद में वहां से हटाया गया था.

इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपना कब्जे हटाने को लेकर की गई कार्रवाई को चुनौती दी थी, लेकिन उसे राहत नहीं मिली. अब इस जमीन को किसी अन्य को आवंटित किया गया तो उसने जनहित याचिका पेश कर दी. जनहित याचिका में कहा गया कि करौली की हिंडौन तहसील के ढिंढोरा गांव की चारागाह भूमि को स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए आवंटित किया गया है. जबकि नियमानुसार चारागाह भूमि आवंटित करने पर उतनी ही दूसरी भूमि को चारागाह भूमि के तौर पर दर्ज किया जाता है.

पढ़ें. Rajasthan Highcourt: आरपीएससी सचिव पेश होकर बताएं, क्यों नहीं की अदालती आदेश की पालना...

इस मामले में कलेक्टर ने दूसरी भूमि को चारागाह भूमि के रूप में दर्ज नहीं किया. ऐसे में भूमि आवंटन को रद्द किया जाए. वहीं सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि कलेक्टर ने दूसरी भूमि को चारागाह भूमि के तौर पर दर्ज कर लिया है। इस पर अदालत ने याचिका खारिज कर याचिकाकर्ता पर हर्जाना लगाया है।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.