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राजस्थान हाईकोर्ट : आरएएस भर्ती प्रक्रिया से अपात्र होंगे बाहर, साक्षात्कार पर रोक जारी

राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा में मंत्रालयिक कर्मचारी और भूतपूर्व सैनिक कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने के चलते साक्षात्कार लेने पर लगी रोक को जारी रखा है. इसके साथ ही अदालत ने RPSC को 14 दिसंबर तक अपात्रों को बाहर करने के संबंध में शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

rajasthan highcourt,  ras recruitment exam-2018
आरएएस भर्ती प्रक्रिया से अपात्र होंगे बाहर
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Published : Dec 10, 2020, 6:18 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा में मंत्रालयिक कर्मचारी और भूतपूर्व सैनिक कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने के चलते साक्षात्कार लेने पर लगी रोक को जारी रखा है. इसके साथ ही अदालत ने आरपीएससी को 14 दिसंबर तक अपात्रों को बाहर करने के संबंध में शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

आरएएस भर्ती प्रक्रिया से अपात्र होंगे बाहर

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अमित शर्मा और प्रेम सिंह राठौड़ सहित अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिकाओं में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने कहा कि आयोग ने मुख्य परीक्षा में भूतपूर्व सैनिक और मंत्रालयिक कर्मचारियों के कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों का चयन कर लिया. जिसके चलते दूसरे पात्र अभ्यर्थियों का साक्षात्कार के लिए चयन नहीं हो सका. इसके अलावा आरपीएससी को लिखित परीक्षा का परिणाम जारी करने से पहले अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन करने चाहिए थे.

पढ़ें: सेल्फी लेने के चक्कर में पांचना नदी में गिरीं मां और बेटी, 3 साल के मासूम की मौत

वहीं आरपीएससी की ओर से मौखिक रूप से कहा गया कि दोनों वर्गो में शामिल अपात्रों को हटा दिया जाएगा. इस पर अदालत ने साक्षात्कार पर लगी रोक को जारी रखते हुए आयोग से इस संबंध में शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा में मंत्रालयिक कर्मचारी और भूतपूर्व सैनिक कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने के चलते साक्षात्कार लेने पर लगी रोक को जारी रखा है. इसके साथ ही अदालत ने आरपीएससी को 14 दिसंबर तक अपात्रों को बाहर करने के संबंध में शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

आरएएस भर्ती प्रक्रिया से अपात्र होंगे बाहर

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अमित शर्मा और प्रेम सिंह राठौड़ सहित अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिकाओं में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने कहा कि आयोग ने मुख्य परीक्षा में भूतपूर्व सैनिक और मंत्रालयिक कर्मचारियों के कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों का चयन कर लिया. जिसके चलते दूसरे पात्र अभ्यर्थियों का साक्षात्कार के लिए चयन नहीं हो सका. इसके अलावा आरपीएससी को लिखित परीक्षा का परिणाम जारी करने से पहले अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन करने चाहिए थे.

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वहीं आरपीएससी की ओर से मौखिक रूप से कहा गया कि दोनों वर्गो में शामिल अपात्रों को हटा दिया जाएगा. इस पर अदालत ने साक्षात्कार पर लगी रोक को जारी रखते हुए आयोग से इस संबंध में शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

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