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Rajasthan HC On E Cigarette: पाबंदी के बावजूद कैसे हो रही है ई- सिगरेट की बिक्री

राजस्थान हाइकोर्ट ने प्रतिबंध के बावजूद ई-सिगरेट की बिक्री होने पर (Rajasthan HC On E Cigarette) केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सीजे एसएस शिंदे और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश प्रियांशा गुप्ता की जनहित याचिका पर दिए.

Rajasthan HC On E Cigarette
कैसे हो रही है ई- सिगरेट की बिक्री
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Published : Jul 15, 2022, 2:16 PM IST

जयपुर. याचिका में कहा गया की केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में कानून लाकर ई सिगरेट के निर्माण, आयात, बेचान और वितरण आदि पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद प्रदेश में ई सिगरेट आसानी से मिल रही है. राज्य सरकार कानून के क्रियान्वयन में पूरी तरह फेल हो गई है. याचिका में कहा गया की केंद्र सरकार ने आमजन के स्वास्थ्य और ई सिगरेट से होने वाले नुकसान को देखते हुए यह कानून बनाया था, लेकिन कानून को लागू करने के लिए नियम नहीं बनाने से यह कानून उद्देश्य पाने में विफल हो गया है.

याचिका में गुहार की गई है की कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्य सरकार को दिशा निर्देश दिए जाएं. इसके अलावा कानून को लागू करने के लिए संबंधित नियम बनाए जाएं. इसके अलावा मामले में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाए (Rajasthan HC On Selling E Cigarette). जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया (Ban On E cigarette Sale In Rajasthan) है.

जानें ई सिगरेट नॉर्मल सिगरेट से कितनी अलग: नॉर्मल सिगरेट और ई-सिगरेट में सबसे बड़ा फर्क है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में तंबाकू नहीं होता है (Know All About E Cigarette). ई-सिगरेट को बिल्कुल सिगरेटनुमा बनाया जाता है. इसके अंत में LED बल्ब लगा होता है. कश लगाने पर ये बल्ब जलता है तो सिगरेट के तंबाकू जलने जैसा फील देता है. इसके कई फ्लेवर आते हैं. ई-सिगरेट के अंदर लिक्विड निकोटिन का कार्टेज मौजूद होता है. खत्म होने के बाद कार्टेज को बदला जा सकता है. हालांकि कुछ ई-सिगरेट में यूज-एंड-थ्रो वाला हिसाब होता है. ई-सिगरेट में मौजूद लिक्विड निकोटिन जलता नहीं है, इसलिए इससे धुआं नहीं निकलता और सिगरेट जैसी गंध भी नहीं आती. लिक्विड निकोटिन गर्म होकर भाप बन जाता है. नतीजतन जो लोग ई-सिगरेट पीते हैं वो धुंए की बजाए भाप खींचते हैं.

पढ़ें-Rajasthan High Court : वरिष्ठ सहायकों को नोशनल परिलाभ देने के आदेश

ई-सिगरेट के तीन हिस्से होते हैं: रिचार्जेबल लिथियम बैटरी, निकोटिन कार्टेज और एवोपोरेट चैंबर. एवोपोरेट चैंबर में छोटा हीटर लगा होता है, जो बैटरी से गर्म होता है और निकोटिन को भाप में बदलता है.

जयपुर. याचिका में कहा गया की केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में कानून लाकर ई सिगरेट के निर्माण, आयात, बेचान और वितरण आदि पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद प्रदेश में ई सिगरेट आसानी से मिल रही है. राज्य सरकार कानून के क्रियान्वयन में पूरी तरह फेल हो गई है. याचिका में कहा गया की केंद्र सरकार ने आमजन के स्वास्थ्य और ई सिगरेट से होने वाले नुकसान को देखते हुए यह कानून बनाया था, लेकिन कानून को लागू करने के लिए नियम नहीं बनाने से यह कानून उद्देश्य पाने में विफल हो गया है.

याचिका में गुहार की गई है की कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्य सरकार को दिशा निर्देश दिए जाएं. इसके अलावा कानून को लागू करने के लिए संबंधित नियम बनाए जाएं. इसके अलावा मामले में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाए (Rajasthan HC On Selling E Cigarette). जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया (Ban On E cigarette Sale In Rajasthan) है.

जानें ई सिगरेट नॉर्मल सिगरेट से कितनी अलग: नॉर्मल सिगरेट और ई-सिगरेट में सबसे बड़ा फर्क है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में तंबाकू नहीं होता है (Know All About E Cigarette). ई-सिगरेट को बिल्कुल सिगरेटनुमा बनाया जाता है. इसके अंत में LED बल्ब लगा होता है. कश लगाने पर ये बल्ब जलता है तो सिगरेट के तंबाकू जलने जैसा फील देता है. इसके कई फ्लेवर आते हैं. ई-सिगरेट के अंदर लिक्विड निकोटिन का कार्टेज मौजूद होता है. खत्म होने के बाद कार्टेज को बदला जा सकता है. हालांकि कुछ ई-सिगरेट में यूज-एंड-थ्रो वाला हिसाब होता है. ई-सिगरेट में मौजूद लिक्विड निकोटिन जलता नहीं है, इसलिए इससे धुआं नहीं निकलता और सिगरेट जैसी गंध भी नहीं आती. लिक्विड निकोटिन गर्म होकर भाप बन जाता है. नतीजतन जो लोग ई-सिगरेट पीते हैं वो धुंए की बजाए भाप खींचते हैं.

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ई-सिगरेट के तीन हिस्से होते हैं: रिचार्जेबल लिथियम बैटरी, निकोटिन कार्टेज और एवोपोरेट चैंबर. एवोपोरेट चैंबर में छोटा हीटर लगा होता है, जो बैटरी से गर्म होता है और निकोटिन को भाप में बदलता है.

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