जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने आरएएस भर्ती-2021 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम (Pre Exam of RAS Recruitment-2021 results) को रद्द करने के एकलपीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में एकलपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता रहे कुछ अभ्यर्थियों को नोटिस जारी करते हुए आयोग को छूट दी है कि वह अपने शेड्यूल के हिसाब से मुख्य परीक्षा आयोजित कर सकता है. सीजे अकील कुरैशी और जस्टिस सुदेश बंसल की खंडपीठ ने यह आदेश आरपीएससी की ओर से मामले में पेश दो अपीलों पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान सीजे ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि आयोग की हर परीक्षा में विवादित प्रश्न आ रहे हैं. आयोग को चाहिए की प्रश्न ज्यादा तकनीकी नहीं हो और उसे विशेषज्ञ कमेटी के पास भेजने की नौबत न आए. अपील में महाधिवक्ता और आयोग के वकील मिर्जा फैसल बैग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि परीक्षाओं के मामले में अदालत का ज्यूडिशियल रिव्यू का अधिकार सीमित है.
यहां तक की सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल न्यायिक सेवा परीक्षा में मामले में यहां तक कहा है कि विधि के प्रश्न पर भी हाईकोर्ट को विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट पर दखल का अधिकार नहीं है. ऐसे में एकलपीठ ने अपने क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर एक प्रश्न को डिलीट कर दिया और एक प्रश्न का विकल्प बदल दिया. इसलिए एकलपीठ के आदेश को रद्द किया जाए जिसका विरोध करते हुए अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर और अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने कहा कि विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट विवादित होने पर हाईकोर्ट उसमें दखल दे सकता है.
परीक्षा में पूछ गए एक प्रश्न का हवाला देते हुए कहा कि आयोग ने जंतर-मंतर को लेकर पूछे सवाल को डिलीट किया है. जबकि आयोग ने पूर्व में आरएएस भर्ती में ही इस सवाल का जवाब उदयपुर बताया था. ऐसे में विशेषज्ञ कमेटी रिपोर्ट पर ही सवाल खडा हो गया है. इसी के चलते एकलपीठ ने परिणाम को रद्द किया है जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए आयोग को अपने शेड्यूल के हिसाब से परीक्षा लेने की छूट दी है.