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राजस्थान हाईकोर्ट ने क्यों पूछा हथिनी शब्द शुद्ध है या हथनी?

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Published : Oct 8, 2020, 7:57 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उप निरीक्षक भर्ती 2016 में एक प्रश्न के विवादित उत्तर को सही मानने पर प्रमुख कार्मिक सचिव, डीजीपी और आरपीएससी सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि हथिनी शब्द सही है या हथनी.

Police Sub Inspector Recruitment 2016, rajasthan highcourt
राजस्थान हाइकोर्ट ने क्यों पूछा हथिनी शब्द शुद्ध है या हथनी

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उप निरीक्षक भर्ती 2016 में एक प्रश्न के विवादित उत्तर को सही मानने पर प्रमुख कार्मिक सचिव, डीजीपी और आरपीएससी सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश महिपाल सिंह और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट: आदेश की पालना करो वरना अतिरिक्त मुख्य वित्त सचिव पेश हो

याचिका में कहा गया कि आरपीएससी ने वर्ष 2016 में एसआई भर्ती निकाली थी. जिसकी लिखित परीक्षा के बाद आयोग की ओर से आपत्तियां मांगी गई. इस पर याचिकाकर्ता ने जनवरी 2019 में आपत्ति पेश कर दी. जिसमें कहा गया कि आयोग ने एक प्रश्न के उत्तर में हथनी शब्द को शुद्ध माना है, जबकि विशेषज्ञों के अनुसार हथिनी शब्द शुद्ध होता है.

इसके बावजूद भी आयोग की ओर से 11 सितंबर को हथनी शब्द के उत्तर को ही सही मानते हुए अंतिम उत्तर कुंजी जारी कर दी और मेरिट सूची पुलिस मुख्यालय में भेज दी. जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि आरपीएससी की ओर से गलत उत्तर को सही मानकर मेरिट लिस्ट जारी की गई है. ऐसे में आयोग की ओर से जारी मेरिट लिस्ट को रद्द कर नए सिरे से वरीयता सूची जारी की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उप निरीक्षक भर्ती 2016 में एक प्रश्न के विवादित उत्तर को सही मानने पर प्रमुख कार्मिक सचिव, डीजीपी और आरपीएससी सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश महिपाल सिंह और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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याचिका में कहा गया कि आरपीएससी ने वर्ष 2016 में एसआई भर्ती निकाली थी. जिसकी लिखित परीक्षा के बाद आयोग की ओर से आपत्तियां मांगी गई. इस पर याचिकाकर्ता ने जनवरी 2019 में आपत्ति पेश कर दी. जिसमें कहा गया कि आयोग ने एक प्रश्न के उत्तर में हथनी शब्द को शुद्ध माना है, जबकि विशेषज्ञों के अनुसार हथिनी शब्द शुद्ध होता है.

इसके बावजूद भी आयोग की ओर से 11 सितंबर को हथनी शब्द के उत्तर को ही सही मानते हुए अंतिम उत्तर कुंजी जारी कर दी और मेरिट सूची पुलिस मुख्यालय में भेज दी. जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि आरपीएससी की ओर से गलत उत्तर को सही मानकर मेरिट लिस्ट जारी की गई है. ऐसे में आयोग की ओर से जारी मेरिट लिस्ट को रद्द कर नए सिरे से वरीयता सूची जारी की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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