जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और एसीएस स्वास्थ्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों ना कोरोना संक्रमण के संदिग्धों को खुद के खर्च पर होटल में क्वॉरेंटाइन किया जाए. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने यह आदेश धरम सज्जन ट्रस्ट की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.
याचिका में कहा गया कि सरकार के पास सीमित संख्या में क्वॉरेंटाइन सेंटर और आइसोलेशन बेड हैं. इनमें सफाई की सुचारू व्यवस्था नहीं है. सरकार कोरोना संदिग्ध को घर और सरकारी सेंटर में फ्री रख रही है.
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वहीं विदेश से आने वालों को 7 से 14 दिन के लिए होटल में खुद के खर्च पर क्वॉरेंटाइन कर रही है. विदेश से आने वालों को एयरपोर्ट के पास पैसे देकर होटल चुनने का विकल्प दिया गया है. जबकि अपने ही घर में क्वॉरेंटाइन सुविधा लेने वाले उचित सोशल डिस्टेंसिंग के अभाव में अपने परिजनों के लिए खतरा है.
दूसरी ओर सरकारी सेंटर में सफाई और गंदे टॉयलेट के कारण लोग जाना नहीं चाहते हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि सरकार विदेश से आने वालों के अतिरिक्त अन्य लोगों को भी स्वयं भुगतान के आधार पर होटल में क्वॉरेंटाइन की सुविधा उपलब्ध कराएं.
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याचिका में यह भी कहा गया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों को आइसोलेशन बेड उपलब्ध कराने के लिए होटलों को अधिग्रहित कर संबंधित अस्पताल के साथ अटैच किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.