जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने विशेष शिक्षक भर्ती-2018 (Special Teacher Recruitment 2018) में कट ऑफ से अधिक अंक होने के बावजूद अभ्यर्थी को स्नातक में कम अंक होने के चलते नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश मनोज कुमार मीणा की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 31 जुलाई 2018 को हिंदी विषय के तृतीय श्रेणी विशेष शिक्षकों के 138 पदों पर भर्ती निकाली थी. भर्ती में कट ऑफ 57.55 अंक थे, जबकि याचिकाकर्ता ने 61.80 अंक हासिल किए थे. विभाग ने गत 21 फरवरी को उसका नाम यह कहते हुए चयन सूची में शामिल नहीं किया कि उसके स्नातक में 50 फीसदी अंक नहीं है.
याचिका में कहा गया कि भले ही याचिकाकर्ता के स्नातक में 50 फीसदी से कम अंक हैं, लेकिन उसके स्नातकोत्तर में 50 फीसदी से ज्यादा अंक हैं. ऐसे में एनसीटीई के नियमों के तहत वह भर्ती के लिए योग्य है. इसलिए मेरिट में आने के चलते याचिकाकर्ता को नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने के आदेश दिए हैं.