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स्कूल क्रमोन्नत होने के बाद भी व्याख्याता के पद क्यों नहीं किए सृजित

राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल क्रमोन्नत होने के बाद भी व्याख्याता के पद सृजित नहीं करने पर संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं.

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Published : Jul 2, 2020, 3:26 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, Rajasthan High Court asks for an answer
व्याख्यता पद नहीं हुए सृजित

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल क्रमोन्नत होने के बाद भी व्याख्याताओं के पद सृजित नहीं करने पर वित्त सचिव और शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं. न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश सुनील कुमार और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार की ओर से करीब 7000 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है. इसके बावजूद भी इन स्कूलों में अंग्रेजी व्याख्याता के पद नहीं भरे गए हैं. व्याख्याता के पदों पर द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की सेवाएं ली जा रही हैं, जबकि नियमानुसार व्याख्याता के पद पर इस पद की योग्यता रखने वाली शिक्षक ही अध्यापन करा सकते हैं.

पढ़ेंः RAS भर्ती परीक्षा 2018 में एमबीसी का 5 प्रतिशत आरक्षण लागू, 34 पद बढ़ाए

द्वितीय श्रेणी अध्यापकों के पास व्याख्याता पद की योग्यताएं नहीं होती है. दूसरी ओर व्याख्यता के पद रिक्त रहने से विद्यार्थियों को अध्ययन में बाधा उत्पन्न हो रही है. याचिका में गुहार की गई है कि राज्य सरकार को इन स्कूलों में व्याख्याताओं के पद सृजित करने के निर्देश दिए जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल क्रमोन्नत होने के बाद भी व्याख्याताओं के पद सृजित नहीं करने पर वित्त सचिव और शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं. न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश सुनील कुमार और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार की ओर से करीब 7000 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है. इसके बावजूद भी इन स्कूलों में अंग्रेजी व्याख्याता के पद नहीं भरे गए हैं. व्याख्याता के पदों पर द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की सेवाएं ली जा रही हैं, जबकि नियमानुसार व्याख्याता के पद पर इस पद की योग्यता रखने वाली शिक्षक ही अध्यापन करा सकते हैं.

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द्वितीय श्रेणी अध्यापकों के पास व्याख्याता पद की योग्यताएं नहीं होती है. दूसरी ओर व्याख्यता के पद रिक्त रहने से विद्यार्थियों को अध्ययन में बाधा उत्पन्न हो रही है. याचिका में गुहार की गई है कि राज्य सरकार को इन स्कूलों में व्याख्याताओं के पद सृजित करने के निर्देश दिए जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं.

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