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राजस्थान हाईकोर्ट : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 में उच्च वरीयता के बावजूद गृह जिले में नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2018 में उच्च वरीयता होने के बावजूद याचिकाकर्ता शिक्षक को गृह जिले के बजाए सुदूर इलाके में नियुक्ति देने पर पंचायती राज सचिव, शिक्षा सचिव और निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court news , Class III Teacher Recruitment-2018
राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Oct 27, 2021, 8:25 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2018 में उच्च वरीयता होने के बावजूद याचिकाकर्ता शिक्षक को गृह जिले की बजाए सुदूर इलाके में नियुक्ति देने पर पंचायती राज सचिव, शिक्षा सचिव और निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है.

मामले में अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को उसकी मेरिट के अनुसार पदस्थापित करने पर विचार किया जाए. न्यायाधीश महेंद्र गोयल ने यह आदेश अरविंद कुमार शर्मा की याचिका पर दिए.

पढ़ें. स्टेनोग्राफर भर्ती-2020 के परिणाम को संशोधित कर पुनःजारी करने के निर्देश, जिला न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लिए हुई थी स्टेनोग्राफर भर्ती

याचिका में अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने अदालत को बताया कि अंग्रेजी विषय लेवल-2 विषय की इस भर्ती में याचिकाकर्ता ने उच्च स्थान प्राप्त किया था. ऐसे में उसे गृह जिले में नियुक्ति दी जानी चाहिए थी. इसके बावजूद उसे भीलवाड़ा जिले में पदस्थापित किया गया. वहीं याचिकाकर्ता से काफी नीचे मेरिट में स्थान लेने वाले अभ्यर्थियों को उनके गृह जिले में नियुक्ति दी गई है. ऐसे में याचिकाकर्ता को उसके गृह जिले में नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता को गृह जिले में नियुक्ति देने पर विचार करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2018 में उच्च वरीयता होने के बावजूद याचिकाकर्ता शिक्षक को गृह जिले की बजाए सुदूर इलाके में नियुक्ति देने पर पंचायती राज सचिव, शिक्षा सचिव और निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है.

मामले में अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को उसकी मेरिट के अनुसार पदस्थापित करने पर विचार किया जाए. न्यायाधीश महेंद्र गोयल ने यह आदेश अरविंद कुमार शर्मा की याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने अदालत को बताया कि अंग्रेजी विषय लेवल-2 विषय की इस भर्ती में याचिकाकर्ता ने उच्च स्थान प्राप्त किया था. ऐसे में उसे गृह जिले में नियुक्ति दी जानी चाहिए थी. इसके बावजूद उसे भीलवाड़ा जिले में पदस्थापित किया गया. वहीं याचिकाकर्ता से काफी नीचे मेरिट में स्थान लेने वाले अभ्यर्थियों को उनके गृह जिले में नियुक्ति दी गई है. ऐसे में याचिकाकर्ता को उसके गृह जिले में नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता को गृह जिले में नियुक्ति देने पर विचार करने को कहा है.

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