जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट नहीं भरने वाले कॉलेजों में मार्च, 2022 में हुए विद्यार्थियों के प्रवेश पर जीरो सेशन लागू नहीं करने को कहा है. अदालत ने कहा है कि इस संबंध में एनसीटीई की ओर से गत 27 अप्रैल को लिया गया निर्णय लागू नहीं होगा. वहीं अदालत ने एनसीटीई को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया (Court notice to NCTE) है. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश प्रदेश निजी कॉलेज संघ की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने अदालत को बताया कि एनसीटीई की गत 27 अप्रैल को आयोजित 54वीं जनरल बॉडी की बैठक में निर्णय लिया गया कि परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट नहीं भरने वाले कॉलेजों के लिए शैक्षणिक सत्र 2022-23 को जीरो सेशन माना जाएगा. याचिका में कहा गया कि एनसीटीई एक्ट की धारा 17 के तहत कौंसिल को ऐसा करने का अधिकार नहीं है. इसके अलावा याचिकाकर्ता संघ के सदस्यों ने सत्र 2022-23 के लिए गत मार्च माह में ही विद्यार्थियों के एडमिशन कर लिए हैं.
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याचिका में यह भी कहा गया कि गत 27 मई को दिल्ली हाईकोर्ट एनसीटीई के 27 अप्रैल के निर्णय पर रोक लगा चुकी है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एनसीटीई को नोटिस जारी करते हुए मार्च में हुए प्रवेश पर जीरो सेशन लागू नहीं करने को कहा है. वहीं दूसरी तरफ जस्टिस प्रकाश गुप्ता समान मामले में रोक के बावजूद याचिकाकर्ता संघ पर जीरो सेशन लागू करने पर एनसीटीई की सदस्य सचिव केसांग सांगजोम शेरपा को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.