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राजस्थान हाइकोर्ट ने विशेष शिक्षक भर्ती की नियुक्तियों पर लगी रोक को किया खारिज

राजस्थान हाइकोर्ट ने विशेष शिक्षक भर्ती की प्रतीक्षा सूची से हो रही नियुक्तियों पर लगी रोक को खारिज कर दिया है. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के पास विशेष शिक्षा में एक साल का डिप्लोमा है. भारतीय पुनर्वास परिषद ने इस डिप्लोमा को शिक्षक भर्ती के पात्र मान रखा है. ऐसे में उन्हें भी इस भर्ती में नियुक्तियां दी जाए.

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विशेष शिक्षक भर्ती की नियुक्तियों पर लगी रोक हुई खारिज
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Published : Jan 20, 2020, 8:48 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विशेष शिक्षक भर्ती 2018 की प्रतीक्षा सूची से नियुक्तियां देने पर लगी रोक को हटाते हुए सोमवार को इस संबंध में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा है कि एनसीईटी की ओर से निर्धारित पात्रता के आधार पर ही नियुक्तियां होनी चाहिए. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश ऊषा कुमारी और अन्य की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए.

विशेष शिक्षक भर्ती की नियुक्तियों पर लगी रोक हुई खारिज

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के पास विशेष शिक्षा में एक साल का डिप्लोमा है. भारतीय पुनर्वास परिषद ने इस डिप्लोमा को शिक्षक भर्ती के पात्र मान रखा है. ऐसे में उन्हें भी इस भर्ती में नियुक्तियां दी जाए. जिसका विरोध करते हुए प्रभावितों की ओर से अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने कहा कि एनसीईटी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए योग्यता निर्धारित करती है.

पढ़ें- प्रदेश में राजस्व के 4 लाख 63 हजार मामले पेंडिंग, न्याय की आस में भटक रहे लोग

उन्होंने कहा कि विशेष शिक्षक पद के लिए विशेष शिक्षा में बीएड या दो वर्षीय डिप्लोमा होना चाहिए. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति लेने का कोई अधिकार नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए पूर्व में लगी रोक को हटा दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विशेष शिक्षक भर्ती 2018 की प्रतीक्षा सूची से नियुक्तियां देने पर लगी रोक को हटाते हुए सोमवार को इस संबंध में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा है कि एनसीईटी की ओर से निर्धारित पात्रता के आधार पर ही नियुक्तियां होनी चाहिए. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश ऊषा कुमारी और अन्य की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए.

विशेष शिक्षक भर्ती की नियुक्तियों पर लगी रोक हुई खारिज

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के पास विशेष शिक्षा में एक साल का डिप्लोमा है. भारतीय पुनर्वास परिषद ने इस डिप्लोमा को शिक्षक भर्ती के पात्र मान रखा है. ऐसे में उन्हें भी इस भर्ती में नियुक्तियां दी जाए. जिसका विरोध करते हुए प्रभावितों की ओर से अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने कहा कि एनसीईटी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए योग्यता निर्धारित करती है.

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उन्होंने कहा कि विशेष शिक्षक पद के लिए विशेष शिक्षा में बीएड या दो वर्षीय डिप्लोमा होना चाहिए. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति लेने का कोई अधिकार नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए पूर्व में लगी रोक को हटा दिया है.

Intro:बाईट - प्रभावितों के वकील रामप्रताप सैनी

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने विशेष शिक्षक भर्ती-2018 की प्रतीक्षा सूची से नियुक्तियां देने पर लगी रोक को हटाते हुए इस संबंध में दायर याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा है कि एनसीईटी की ओर से निर्धारित पात्रता के आधार पर ही नियुक्तियां होनी चाहिए। न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश ऊषा कुमारी व अन्य की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए।
Body:याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के पास विशेष शिक्षा में एक साल का डिप्लोमा है। भारतीय पुनर्वास परिषद ने इस डिप्लोमा को शिक्षक भर्ती के पात्र मान रखा है। ऐसे में उन्हें भी इस भर्ती में नियुक्तियां दी जाए। जिसका विरोध करते हुए प्रभावितों की ओर से अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने कहा कि एनसीईटी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए योग्यता निर्धारित करती है। विशेष शिक्षक पद के लिए विशेष शिक्षा में बीएड या दो वर्षीय डिप्लोमा होना चाहिए। ऐसे में याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति लेने का कोई अधिकार नहीं है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए पूर्व में लगी रोक को हटा लिया है।Conclusion:
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