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चार्जर पर अलग से वैट लेने के मामले में हाईकोर्ट का दखल से इंकार

2013 से पहले मोबाइल और लैपटॉप चार्जर पर अलग से वैट वसूलने के एक मामले पर हाईकोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के 2015 में दिए आदेश का हवाला भी दिया.

राजस्थान हाईकोर्ट, Mobile charger VAT case
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Published : Sep 19, 2019, 9:02 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मार्च 2013 से पूर्व मोबाइल और लैपटॉप के चार्जर पर अलग से वैट लेने के मामले में दखल से इंकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि वैट पर अपील दायर करने के लिए वैकल्पिक उपचार उपलब्ध है.

न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश सैमसंग सहित 19 अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिए. अपीलों में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से वर्ष 2015 में दिए आदेश की आड़ में मोबाइल और लैपटॉप के चार्जर पर अलग से वैट की गणना कर रिकवरी नहीं निकाली जा सकती.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पूर्व चार्जर को भी मोबाइल और लैपटॉप का ही भाग माना जाता था. जिसका विरोध करते हुए वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से कहा गया कि निर्धारण अधिकारी को पुन: कर निर्धारण का अधिकार है.

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इसके अलावा वैट पर अपील दायर करने के लिए अपीलार्थी के पास वैकल्पिक उपचार उपलब्ध है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अपील को खारिज कर दिया. गौरतलब है कि मार्च 2013 के बाद विभाग चार्जर को मोबाइल और लैपटॉप का ही भाग मानता है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मार्च 2013 से पूर्व मोबाइल और लैपटॉप के चार्जर पर अलग से वैट लेने के मामले में दखल से इंकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि वैट पर अपील दायर करने के लिए वैकल्पिक उपचार उपलब्ध है.

न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश सैमसंग सहित 19 अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिए. अपीलों में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से वर्ष 2015 में दिए आदेश की आड़ में मोबाइल और लैपटॉप के चार्जर पर अलग से वैट की गणना कर रिकवरी नहीं निकाली जा सकती.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पूर्व चार्जर को भी मोबाइल और लैपटॉप का ही भाग माना जाता था. जिसका विरोध करते हुए वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से कहा गया कि निर्धारण अधिकारी को पुन: कर निर्धारण का अधिकार है.

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इसके अलावा वैट पर अपील दायर करने के लिए अपीलार्थी के पास वैकल्पिक उपचार उपलब्ध है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अपील को खारिज कर दिया. गौरतलब है कि मार्च 2013 के बाद विभाग चार्जर को मोबाइल और लैपटॉप का ही भाग मानता है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने मार्च 2013 से पूर्व मोबाइल और लैपटॉप के चार्जर पर अलग से वैट लेने के मामले में दखल से इंकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि वैट पर अपील दायर करने के लिए वैकल्पिक उपचार उपलब्ध है। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश सैमसंग सहित 19 अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिए।
Body:अपीलों में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से वर्ष 2015 में दिए आदेश की आड में मोबाइल और लैपटॉप के चार्जर पर अलग से वैट की गणना कर रिकवरी नहीं निकाली जा सकती। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पूर्व चार्जर को भी मोबाइल और लैपटॉप का ही भाग माना जाता था। जिसका विरोध करते हुए वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से कहा गया कि निर्धारण अधिकारी को पुन: कर निर्धारण का अधिकार है। इसके अलावा वैट पर अपील दायर करने के लिए अपीलार्थी के पास वैकल्पिक उपचार उपलब्ध है। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अपील को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि मार्च 2013 के बाद विभाग चार्जर को मोबाइल और लैपटॉप का ही भाग मानता है।
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