जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय में कुलपति चयन प्रक्रिया में दखल से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा है कि वर्तमान में चयन प्रक्रिया चल रही है और हमें विश्वास है कि चयन में यूजीसी के नियमों के तहत ही काम किया जाएगा. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश डॉ. सीएस मीणा की याचिका को प्री-मेच्योर बताकर खारिज करते हुए दिए.
याचिका में कहा गया कि राजस्थान विश्वविद्यालय में कुलपति चयन को लेकर गत 22 मई को विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें उम्मीदवार की समकक्ष योग्यता को भी माना गया है. जबकि यूजीसी के 2010 के नियमों में समकक्षता को पात्र माना गया था और साल 2018 के नियमों में समकक्षता के प्रावधान को हटा दिया गया.
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वहीं राज्य सरकार ने 14 अगस्त 2019 में विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम लाकर यूजीसी के 2010 के नियमों के तहत वीसी पद के लिए पात्रता तय कर दी. याचिका में कहा गया कि इसके चलते राज्य सरकार अभी समकक्षता को योग्यता मान रही है. जबकि यूजीसी के नियमों से इसे हटाया जा चुका है. याचिका में कहा गया कि चयन कमेटी को भी अपनी सिफारिशें भेजने से पहले यूजीसी के नियमों की पालना करनी चाहिए, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हमें विश्वास है कि चयन प्रक्रिया में यूजीसी के नियमों की पालना की जाएगी.