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8वीं क्लास तक की ऑनलाइन क्लास के खिलाफ याचिका पर दखल से Rajasthan High Court का इनकार - rajasthan high court news

राजस्थान हाईकोर्ट ने कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों की ऑनलाइन क्लास लेने के खिलाफ दायर याचिकाओं में दखल से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि ऑनलाइन कक्षाओं और फीस से जुड़े मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दिशा-निर्देश दे चुके हैं. अब इस संबंध में अदालत को अलग से आदेश देने की कोई जरूरत नहीं है.

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ऑनलाइन कक्षाओं के खिलाफ याचिका में दखल से इनकार
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Published : Jul 21, 2021, 5:19 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court) में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों की ऑनलाइन क्लास (online class) को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. याचिकाओं में कहा गया है कि कक्षा एक से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं लेने से बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. छोटे बच्चों को कई घंटे स्क्रीन के सामने गुजारने पड़ते हैं, जिससे उनकी आंखों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.

याचिका में यह भी कहा गया है कि कोराना काल में आर्थिक हालातों के चलते ज्यादातर लोग वित्तीय तकलीफों से जूझ रहे हैं. कई अभिभावकों की एक से ज्यादा संतान है. वे अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ रहे अपने बच्चों के लिए मोबाइल सहित अन्य उपकरण नहीं खरीद सकते हैं. ऐसे में ऑनलाइन कक्षाओं पर पाबंदी लगाई जाए. याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने किसी भी तरह का आदेश देने से इनकार करते हुए याचिकाओं को निस्तारित कर दिया है.

पढ़ें: लड़की ने खुद को बताया बालिग लेकिन स्कूल रिकॉर्ड में नाबालिग, राजस्थान HC ने दिए ये निर्देश

हाईकोर्ट ने कहा है कि ऑनलाइन क्लास और फीस के मुद्दे पर कोर्ट पहले ही दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं. लिहाजा अब अलग से इस मामले में सुनवाई की जरूरत नहीं है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश बंशीधर बडाया और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिए.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court) में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों की ऑनलाइन क्लास (online class) को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. याचिकाओं में कहा गया है कि कक्षा एक से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं लेने से बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. छोटे बच्चों को कई घंटे स्क्रीन के सामने गुजारने पड़ते हैं, जिससे उनकी आंखों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.

याचिका में यह भी कहा गया है कि कोराना काल में आर्थिक हालातों के चलते ज्यादातर लोग वित्तीय तकलीफों से जूझ रहे हैं. कई अभिभावकों की एक से ज्यादा संतान है. वे अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ रहे अपने बच्चों के लिए मोबाइल सहित अन्य उपकरण नहीं खरीद सकते हैं. ऐसे में ऑनलाइन कक्षाओं पर पाबंदी लगाई जाए. याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने किसी भी तरह का आदेश देने से इनकार करते हुए याचिकाओं को निस्तारित कर दिया है.

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हाईकोर्ट ने कहा है कि ऑनलाइन क्लास और फीस के मुद्दे पर कोर्ट पहले ही दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं. लिहाजा अब अलग से इस मामले में सुनवाई की जरूरत नहीं है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश बंशीधर बडाया और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिए.

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