जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आईटीआई छात्रों को वर्ष 2008-09 में दी गई छात्रवृत्ति की अब 11 साल बाद वसूली करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव और विभाग के निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश टैगोर आईटीआई कॉलेज व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
पढ़ें- जयपुर की 21 में से 8 पंचायत समितियों होंगे चुनाव, शेष पर हाईकोर्ट का स्टे
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि विभाग की ओर से वर्ष 2008-09 में निजी आईटीआई कॉलेजों के छात्रों को हर साल की तरह छात्रवृत्ति जारी की गई थी. संबंधित कॉलेजों ने छात्रवृत्ति राशि को छात्रों में वितरित कर विभाग को सूचना भेज दी थी. वहीं विभाग की ओर से अब याचिकाकर्ता कॉलेजों को नोटिस जारी कर पूर्व में डबल छात्रवृत्ति जारी करने का हवाला देकर राशि वसूल करने की बात कही.
पढ़ें- हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब तीन जिलों में होगी ALO परीक्षा
याचिका में कहा गया कि विभाग की ओर से सूचना मांगने पर विभाग ने यह नहीं बताया गया कि अतिरिक्त छात्रवृत्ति कब और कैसे दी गई. इससे साबित है कि विभाग की ओर से नियमानुसार सिर्फ वर्ष में एक बार ही छात्रवृत्ति जारी की गई थी. ऐसे में विभाग के वसूली आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने वसूली पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.