जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल व्याख्याता भर्ती-2018 में भूतपूर्व सैनिक को नियुक्ति नहीं देने पर शिक्षा सचिव, कार्मिक सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और आरपीएससी सचिव से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने एक पद भूतपूर्व सैनिक अभ्यर्थी के लिए रिक्त रखने को कहा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश मदनलाल की याचिका पर दिए.
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याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सेना से दिसंबर 2019 में एनओसी लेकर व्याख्याता भर्ती में शामिल हुआ था, वहीं आरपीएससी ने उसे यह कहते हुए चयन से बाहर कर दिया कि उसकी एनओसी भर्ती में आवेदन करने के बाद की है, जबकि आवेदन के एक साल की अवधि में जारी एनओसी मान्य होती है. आयोग की ओर से वर्ष 2019 में संशोधित विज्ञापन जारी किया गया था. ऐसे में याचिकाकर्ता ने विज्ञापन की एक साल की अवधि में ही एनओसी पेश की है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है.