जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने गैर प्रशासनिक सेवा से आईएएस में चयन से जुडे मामले में पंचायती राज सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह चयन प्रक्रिया में शामिल कराने के लिए विभाग के अधीक्षण अभियंता का नाम प्रमुख कार्मिक सचिव को भेजें.
इसके साथ ही अदालत ने पंचायती राज सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव और यूपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश अरुण भंसाली ने यह आदेश मुकेश माहेश्वरी की याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि पंचायती राज विभाग में अधीक्षण अभियंता के तौर पर तैनात याचिकाकर्ता ने गैर प्रशासनिक सेवा से आईएएस में चयन के लिए आवेदन किया था, लेकिन याचिकाकर्ता के विरुद्ध जांच लंबित होने और कोर्ट केस की जानकारी नहीं देने के आधार पर आवेदन आगे नहीं भेजा गया.
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याचिका में कहा गया कि आईएएस चयन के निर्धारित प्रारूप में लंबित जांच की जानकारी दी जानी थी, लेकिन याचिकाकर्ता को विभाग की अंदरूनी जांच की जानकारी ही नहीं थी. इसके अलावा कोर्ट में लंबित मामला याचिकाकर्ता ने अपनी पदोन्नति को लेकर दायर किया था.
ऐसे में उस पर तथ्य छिपाने का आरोप बेबुनियाद है. याचिका में गुहार लगाई गई कि उसके आवेदन को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने याचिकाकर्ता का आवेदन प्रमुख कार्मिक सचिव को भेजने के निर्देश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया है.