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RAS भर्ती परीक्षा 2018 मामला: पहले रिजल्ट के आधार पर ही होंगे साक्षात्कार, हाई कोर्ट का फैसला - RAS भर्ती परीक्षा 2018 मामला

राजस्थान हाइ कोर्ट की खंडपीठ ने आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम पुनः जारी करने के संंबंध में दिए एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही खंडपीठ ने आरपीएससी को कहा है कि वह पूर्व में निकाले गए मुख्य परीक्षा के परिणाम के आधार पर भर्ती प्रक्रिया पुनः शुरू करें.

RAS Recruitment Exam 2018, rajasthan high court
RAS भर्ती परीक्षा 2018 मामला...
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Published : Mar 2, 2021, 12:21 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाइ कोर्ट की खंडपीठ ने आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम पुनः जारी करने के संंबंध में दिए एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही खंडपीठ ने आरपीएससी को कहा है कि वह पूर्व में निकाले गए मुख्य परीक्षा के परिणाम के आधार पर भर्ती प्रक्रिया पुनः शुरू करें.

RAS भर्ती परीक्षा 2018 में पहले रिजल्ट के आधार पर ही होंगे साक्षात्कार...

न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार और आरपीएससी की ओर से दायर अपील को स्वीकार करते हुए दिए. अपील में कहा गया कि एकलपीठ के आदेश की पालना में पदों के मुकाबले दो गुणा अभ्यर्थियों को बुलाने पर साक्षात्कार के लिए करीब 700 उम्मीदवार अधिक बुलाने पडेंगे, जिससे साक्षात्कार की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी. इसके अलावा भर्ती का परिणाम नियमानुसार ही जारी किया गया है. इसलिए एकलपीठ के आदेश को रद्द कर साक्षात्कार की अनुमति दी जाए, जिसका विरोध करते हुए एकलपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता रहे अभ्यर्थियों की ओर से कहा गया कि आरएएस भर्ती नियम के तहत आरपीएससी को सिर्फ न्यूनतम अंक तय करने की ही शक्ति है, जो कि सभी वर्गो के लिए समान होनी चाहिए.

पढ़ें: इश्क की आग में राख हुई मां की ममता, तो पिता ने भी मासूम बच्चों को नकारा, अब दुविधा में हाई कोर्ट

इसके विपरीत आयोग ने वर्गवार अलग-अलग कट ऑफ जारी कर साक्षात्कार में पदों के मुकाबले केवल डेढ़ गुणा अभ्यर्थियों को ही बुलाया है, जबकि साक्षात्कार के लिए कम से कम दो गुणा अभ्यर्थियों को बुलाया जाना चाहिए था. इसके अलावा आयोग ने मुख्य परीक्षा का परिणाम गत 9 जून के संशोधित नियमों के तहत जारी किया है. जबकि, वर्ष 2018 की भर्ती में यह संशोधित नियम लागू ही नहीं होते हैं. साक्षात्कार के लिए अलग-अलग वर्गवार अभ्यर्थियों को बुलाने से वे उम्मीदवार चयन प्रक्रिया से बाहर हो गए, जो समग्र सूची जारी होने पर साक्षात्कार के लिए पात्र होते. ऐसे में एकलपीठ का मुख्य परीक्षा के परिणाम को रद्द कर साक्षात्कार के लिए कम से कम दोगुना अभ्यर्थियों को बुलाने के साथ ही एक सामान्य कट ऑफ जारी करने का आदेश सही है. गौरतलब है कि एकलपीठ ने कविता गोदारा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए गत 17 दिसंबर को आदेश जारी कर भर्ती की मुख्य परीक्षा का परिणाम रद्द कर दिया था. इसके साथ ही साक्षात्कार में पदों के मुकाबले कम से कम दो गुणा अभ्यर्थियों को बुलाने व एक सामान्य कट ऑफ जारी करने के निर्देश दिए थे.

जयपुर. राजस्थान हाइ कोर्ट की खंडपीठ ने आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम पुनः जारी करने के संंबंध में दिए एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही खंडपीठ ने आरपीएससी को कहा है कि वह पूर्व में निकाले गए मुख्य परीक्षा के परिणाम के आधार पर भर्ती प्रक्रिया पुनः शुरू करें.

RAS भर्ती परीक्षा 2018 में पहले रिजल्ट के आधार पर ही होंगे साक्षात्कार...

न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार और आरपीएससी की ओर से दायर अपील को स्वीकार करते हुए दिए. अपील में कहा गया कि एकलपीठ के आदेश की पालना में पदों के मुकाबले दो गुणा अभ्यर्थियों को बुलाने पर साक्षात्कार के लिए करीब 700 उम्मीदवार अधिक बुलाने पडेंगे, जिससे साक्षात्कार की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी. इसके अलावा भर्ती का परिणाम नियमानुसार ही जारी किया गया है. इसलिए एकलपीठ के आदेश को रद्द कर साक्षात्कार की अनुमति दी जाए, जिसका विरोध करते हुए एकलपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता रहे अभ्यर्थियों की ओर से कहा गया कि आरएएस भर्ती नियम के तहत आरपीएससी को सिर्फ न्यूनतम अंक तय करने की ही शक्ति है, जो कि सभी वर्गो के लिए समान होनी चाहिए.

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इसके विपरीत आयोग ने वर्गवार अलग-अलग कट ऑफ जारी कर साक्षात्कार में पदों के मुकाबले केवल डेढ़ गुणा अभ्यर्थियों को ही बुलाया है, जबकि साक्षात्कार के लिए कम से कम दो गुणा अभ्यर्थियों को बुलाया जाना चाहिए था. इसके अलावा आयोग ने मुख्य परीक्षा का परिणाम गत 9 जून के संशोधित नियमों के तहत जारी किया है. जबकि, वर्ष 2018 की भर्ती में यह संशोधित नियम लागू ही नहीं होते हैं. साक्षात्कार के लिए अलग-अलग वर्गवार अभ्यर्थियों को बुलाने से वे उम्मीदवार चयन प्रक्रिया से बाहर हो गए, जो समग्र सूची जारी होने पर साक्षात्कार के लिए पात्र होते. ऐसे में एकलपीठ का मुख्य परीक्षा के परिणाम को रद्द कर साक्षात्कार के लिए कम से कम दोगुना अभ्यर्थियों को बुलाने के साथ ही एक सामान्य कट ऑफ जारी करने का आदेश सही है. गौरतलब है कि एकलपीठ ने कविता गोदारा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए गत 17 दिसंबर को आदेश जारी कर भर्ती की मुख्य परीक्षा का परिणाम रद्द कर दिया था. इसके साथ ही साक्षात्कार में पदों के मुकाबले कम से कम दो गुणा अभ्यर्थियों को बुलाने व एक सामान्य कट ऑफ जारी करने के निर्देश दिए थे.

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